नई दिल्ली: दिल्ली सरकार ने शनिवार को विपक्ष के आरोपों को खारिज करते हुए राज्य विधानसभा को सूचित किया कि राष्ट्रीय राजधानी की सरकार ने जनवरी 2016 से पेट्रोल और डीजल पर मूल्य वर्धित कर(वैट) नहीं बढ़ाए हैं. उप मुख्यमंत्री मनीष सिसोदिया ने मौजूदा सत्र में अपने लिखित जवाब में सदन को बताया, "19 जनवरी, 2016 के बाद से, पेट्रोल और डीजल पर वैट नहीं बढ़ाया गया है. अलबत्ता सरकार ने सात मई, 2016 को डीजल पर वैट 18 प्रतिशत से घटाकर 16.75 प्रतिशत कर दिया था."
विपक्ष के नेता विजेंद्र गुप्ता ने आम आदमी पार्टी (आप) सरकार पर ईंधन पर वैट बढ़ाने का आरोप लगाया है.
गुप्ता ने सत्र के दौरान एक प्रश्न में भी इस मुद्दे को उठाया और कहा कि पेट्रोल पर 12 प्रतिशत वैट और डीजल पर 10.5 प्रतिशत वैट बढ़ाया गया है.
दिल्ली सरकार ने सदन को सूचित किया कि बीते तीन वर्षो में अपने पड़ोसी राज्यों के साथ कर में एकरूपता लाने के लिए जुलाई 2015 और जनवरी 2016 में केवल दो बार वैट बढ़ाया गया था.
2015 में, पेट्रोल पर वैट दर 20 प्रतिशत से बढ़ाकर 25 प्रतिशत कर दिया गया और डीजल पर 12.5 प्रतिशत से बढ़ाकर 16.6 प्रतिशत कर दिया गया.
सिसोदिया ने कहा कि 2016 में कर दरों में एकरूपता लाने और उत्तर भारत क्षेत्र में व्यापार बढ़ाने के उद्देश्य से एक साझा बाजार विकसित करने के लिए पेट्रोल और डीजल पर क्रमश: दो प्रतिशत और 1.4 प्रतिशत वैट बढ़ाया गया.