मणिपुर: CM की शिकायत करने वाली पुलिस अधिकारी थोउनाओजम बृंदा को लॉकडाउन के उल्लंघन के आरोप में हिरासत में लिया गया
पुलिस अधिकारी थोउनाओजम बृंदा (Photo Credits: Facebook)

महिला पुलिस अधिकारी थोउनाओजम बृंदा एक बार फिर चर्चा में हैं, दरअसल खबर आ रही है कि पुलिस अधिकारी थोउनाओजम बृंदा और दो अन्य को इंफाल वेस्ट पुलिस ने मंगलवार को आरोप लगाया कि उन्होंने लॉकडाउन के नियमों का उलंघन किया है. मीडिया रिपोर्ट के मुताबिक बृंदा और उसके साथियों को अस्थायी रूप से उस वक्त हिरासत में लिया गया था जब सोमवार की रात को संगिप्राउ लामखाई में अपने के दोस्तों के साथ थी. मीडिया रिपोर्ट के मुताबिक उन्हें लॉकडाउन के नियम को तोड़ने के लिए अस्थायी रूप से पुलिस ने अपने हिरासत में लिया था. कोरोना वायरस को फैलने से रोकने के लिए लागू लॉकडाउन लगाया गया है. वहीं इन नियमों का उल्लंघन करने वालों के खिलाफ कार्रवाई भी किया गया.

28 जुलाई को बृंदा ने पुलिस द्वारा हिरासत में लिए जाने के बाद किए गए फेसबुक पोस्ट कर लिखा था, जिसमें उन्होंने हिरासत में लिए जाने की बात को सही बताया था. उन्होंने कहा है कि उनके पति जो भी फाइन था उसे भरने आ रहे थे. लेकिन पुलिस ने मना कर दिया. बृंदा ने फेसबुक पोस्ट में लिखा, रात 12.40 बजे क्वाकीथेल एफसीआई क्रॉसिंग पर मुझे, सोनिया फरिम्बम और तेनाव को काकचिंग कंट्रोल रूम की रिपोर्ट के अनुसार कर्फ्यू के नियमों को तोड़ने के लिए हिरासत में लिया गया था.

बृंदा ने लिखा इस दौरान मेरे पति ने रात के कारण जुर्माना भरने और सभी महिलाओं को छुड़ाने के लिए तैयार हो गए. लेकिन उसके बाद इनकार करते हुए पुलिस ने कहा कि लमपेल पुलिस मुझे गिरफ्तार करने आ रही है. इस दौरान हम वर्दी वाले पुलिसकर्मियों से घिरे थे. इस दौरान उन्होंने मेरा दोष नहीं बताया दो घंटे बाद जाने की इजाजत दी गई.

वहीं इस पूरी घटना पर इम्फाल वेस्ट जिले के पुलिस अधीक्षक के. मेघचंद्र ने कहा कि कार चलाने वाली महिला ने अपनी पहचान एक पुलिस अधिकारी के तौर पर दी थी. वहीं पहचान बताते समय उनका व्यवहार उचित नहीं था. कार की चालान काटने के बाद उन्हें जाने दिया गया था.

बता दें कि बृंदा ने इससे पहले सीधे तौर पर राज्य के मुख्यमंत्री एन बीरेन सिंह पर आरोप लगाया था कि उन्होंने ड्रग्स पकड़ने के लिए की गई छापेमारी के दौरान गिरफ्तार हुए लोगों को छोड़ने के लिए दबाव बनाया था.