तत्कालीन चीफ सेक्रेटरी अंशु प्रकाश पिटाई मामले में कोर्ट ने सीएम अरविंद केजरीवाल और मनीष सिसोदिया को किया बरी
सीएम अरविंद केजरीवाल (Photo Credits: PTI)

दिल्ली सरकार में तत्कालीन मुख्य सचिव रहे अंशु प्रकाश के साथ बदसलूकी और मारपीट के मामले में दिल्ली स्थित राउज एवेन्यू कोर्ट से मुख्यमंत्री अरविंद केजरीवाल और मनीष सिसोदिया को तीन साल बाद राहत मिली है. दिल्ली के पूर्व मुख्य सचिव अंशु प्रकाश से मारपीट मामले में दिल्ली की राउज एवेन्यू कोर्ट ने बुधवार को सुनाए अपने फैसले में आम आदमी पार्टी विधायक अमानतुल्लाह खान और प्रकाश जारवाल को छोड़ बाकी सभी आरोपियों को बरी कर दिया. इस मामले में मुख्यमंत्री अरविंद केजरीवाल और उप मुख्यमंत्री मनीष सिसोदिया के अलावा आम आदमी पार्टी के 11 विधायकों को आरोपी बनाया गया था.

कोर्ट से मिली राहत के बाद दिल्ली के उप मुख्यमंत्री मनीष सिसोदिया ने कहा, यह न्याय और सच्चाई की जीत का दिन है. कोर्ट ने कहा कि मामले में सभी आरोप झूठे और निराधार थे, मुख्यमंत्री अरविंद केजरीवाल को आज उस झूठे मामले में बरी कर दिया गया. हम कह रहे थे कि आरोप झूठे थे. यह मुख्यमंत्री के खिलाफ रची गई साजिश थी.

वहीं कोर्ट के इस फैसले के बाद मुख्यमंत्री अरविंद केजरीवाल राहत की सांस ली. कोर्ट से इस मामले में बरी होने के बाद उप-मुख्यमंत्री मनीष सिसोदिया डिजिटल पत्रकार वार्ता करेंगे. बता दें कि फरवरी, 2018 में दिल्ली के तत्कालीन मुख्य सचिव अंशु प्रकाश ने मुख्यमंत्री अरविंद केजरीवाल सहित आम आदमी पार्टी के विधायकों पर मुख्यमंत्री आवास में मारपीट करने का आरोप लगाया था. इस मामले में मुख्यमंत्री केजरीवाल और डिप्टी सीएम सिसोदिया सहित कुल 13 लोगों को आरोपी बनाया गया था.

कोर्ट ने तत्कालीन मुख्य सचिव अंशु प्रकाश के साथ मारपीट करने के मामले में आरोपी मुख्यमंत्री अरविंद केजरीवाल, उप मुख्यमंत्री मनीष सिसोदिया और अन्य 9 विधायकों को बरी कर दिया है लेकिन इस मामले में AAP विधायक अमानतुल्लाह खान और प्रकाश जरवाल के खिलाफ आरोप तय करने का आदेश दिए हैं. इस मामले में दिल्ली पुलिस द्वारा पटियाला हाउस कोर्ट में दाखिल चार्जशीट में मुख्यमंत्री अरविंद केजरीवाल, डिप्टी सीएम मनीष सिसोदिया समेत 13 विधायकों को आरोपी बनाया गया था.