नई दिल्ली: दिल्ली उच्च न्यायालय (Delhi High Court) ने बुधवार को आम आदमी पार्टी सरकार और नगर निगमों को सड़कों तथा अदालत परिसरों में बंदरों, आवारा पशुओं और कुत्तों की आबादी को नियंत्रित करने के लिये नीति बनाने का निर्देश दिया. मुख्य न्यायाधीश डी एन पटेल (Chief Justice DN Patel) और न्यायमूर्ति सी हरिशंकर (C. Hari Shankar) की पीठ ने दिल्ली सरकार (Delhi Government) और नगर निकायों को योजना या नीति बनाने के लिये जरूरत पड़ने पर एक समिति गठित करने का निर्देश दिया.
पीठ ने आवारा पशुओं, कुत्तों और बंदरों की आबादी को नियंत्रित करने और उन्हें उचित आश्रय स्थलों में रखने के लिये दिल्ली सरकार और नगर निकायों को निर्देश देने की याचिका पर सुनवाई करते हुए यह सुनिश्चित करने का निर्देश भी दिया कि सरकारी अस्पतालों और क्लीनिकों को पर्याप्त मात्रा में एंटी-रेबीज टीके उपलब्ध कराए जाएं. यह भी पढ़े: मध्यप्रदेश : ग्वालियर में पालतू कुत्ते ने चार साल की बच्ची पर किया हमला, कई हिस्सों पर चोट लगने से हुई मौत, मालिक के खिलाफ FIR दर्ज
पीठ ने निर्देश देते समय कहा कि उसके सामने जनहित याचिकाओं के जरिये इस तरह के मुद्दे नियमित रूप से उठाए जा रहे हैं। पीठ ने कहा कि अधिकारियों को अदालत के आदेशों का इंतजार किये बिना आवारा पशुओं की आबादी को नियंत्रित करना चाहिये