Maharashtra Teachers Strike: महाराष्ट्र में शिक्षक हड़ताल पर, TET अनिवार्य करने और नई नीति के विरोध में आज प्रदेश के ज्यादातर स्कूल बंद!
महाराष्ट्र में आज, 5 दिसंबर को, अधिकांश सरकारी स्कूल बंद हैं, क्योंकि शिक्षक संगठनों ने राज्यव्यापी हड़ताल का ऐलान किया है. प्राथमिक और माध्यमिक स्कूलों के शिक्षण और गैर-शिक्षण स्टाफ ने ड्यूटी का बहिष्कार किया है और सरकार के साथ अनसुलझे मुद्दों पर विरोध प्रदर्शन करने का फैसला लिया है.
Maharashtra Teachers Strike: महाराष्ट्र में आज, 5 दिसंबर को, अधिकांश सरकारी स्कूल बंद हैं, क्योंकि शिक्षक संगठनों ने राज्यव्यापी हड़ताल का ऐलान किया है. प्राथमिक और माध्यमिक स्कूलों के शिक्षण और गैर-शिक्षण स्टाफ ने ड्यूटी का बहिष्कार किया है और सरकार के साथ अनसुलझे मुद्दों पर विरोध प्रदर्शन करने का फैसला लिया है. यह भी पढ़े: STET Exam 2025: विरोध प्रदर्शन कर रहे छात्र को पुलिसकर्मी ने लात मारी, छात्रों पर हुआ लाठीचार्ज, पटना का वीडियो आया सामने; VIDEO
शिक्षकों ने हड़ताल क्यों बुलाई?
शिक्षक मुख्य रूप से राज्य सरकार के दो फैसलों के खिलाफ विरोध कर रहे हैं:
-
टीचर एलिजिबिलिटी टेस्ट (TET) को अनिवार्य करना
-
2024 की स्कूल अनुमोदन और स्टाफिंग नीति लागू करना
यूनियन ने क्या कहा
संघों का कहना है कि टीचर एलिजिबिलिटी टेस्ट (TET) अनिवार्य होने से कई अनुभवी शिक्षक अपनी नौकरी की सुरक्षा को लेकर असुरक्षित महसूस कर रहे हैं. इसके अलावा, नई नीति लागू होने से स्टाफिंग, प्रमोशन और स्कूल की मान्यता पर भी असर पड़ सकता है. शिक्षक की तरफ से बुलाये गए हड़ताल को राज्य की सत्तारूढ़ और विपक्षी पार्टियों के निर्वाचित शिक्षक विधायक भी समर्थन दे रहे हैं, जिससे राज्य सरकार पर दबाव और बढ़ गया है.
वेतन कटौती की चेतावनी से गुस्सा
विरोध प्रदर्शन के बीच प्रशासन ने नोटिस जारी किया कि हड़ताल में शामिल शिक्षकों का वेतन रोका जा सकता है। संघ नेताओं ने इस चेतावनी का कड़ा विरोध किया.
शिक्षकों की तरफ से फडणवीस हस्तक्षेप की मांग
शिक्षक नेता संगीता शिंदे ने कहा कि सरकार ने बिना किसी चर्चा के यह सर्कुलर जारी किया, जिसे उन्होंने लोकतांत्रिक विरोध को दबाने का प्रयास बताया. उन्होंने मुख्यमंत्री देवेंद्र फडणवीस से तुरंत हस्तक्षेप की मांग की.
शिक्षकों की तरफ से आंदोलन की दी गई धमकी
शिंदे ने कहा कि शिक्षक वेतन कटौती स्वीकार नहीं करेंगे और सरकार से जल्द से जल्द उनकी मांगों का समाधान करने का आग्रह किया.उन्होंने चेतावनी दी कि यदि शिक्षकों के खिलाफ अनुशासनात्मक कार्रवाई की गई, तो आंदोलन और तेज होगा.