भीमा कोरेगांव हिंसा मामले में FBI की मदद लेने के लिए अमेरिका जाएगी महाराष्ट्र पुलिस

भीमा-कोरेगांव हिंसा मामले में आरोपी वरवारा राव के घर से बरामद हुई हार्ड डिस्क से डेटा रिकवर करने के लिए पुणे पुलिस अमेरिका के फेडरल ब्यूरो ऑफ इन्वेस्टिगेशन की मदद लेगी.

महाराष्ट्र पुलिस (Photo Credits: Getty Images)

मुंबई: भीमा-कोरेगांव हिंसा (Koregaon Bhima Case) मामले में आरोपी वरवारा राव (Varvara Rao) के घर से बरामद हुई हार्ड डिस्क से डेटा रिकवर करने के लिए पुणे पुलिस अमेरिका के फेडरल ब्यूरो ऑफ इन्वेस्टिगेशन (Federal Bureau of Investigation) की मदद लेगी. इस जांच के लिए भारत की पुलिस और फोरेंसिक विशेषज्ञों की एक टीम जल्द ही अमेरिका रवाना की जाएगी. बता दें कि वरवारा राव समेत कई अन्य लोगों के खिलाप आरोप है कि उन्होंने भीमा-कोरेगांव में हिंसा भड़काने में अहम भूमिका निभाई थी.

आरोपी व्यक्तियों के उपर आरोप है कि उन्होंने अपने भड़काऊ भाषण से एक जनवरी 2018 में घटित हुई कोरेगांव-भीमा की जातिवादी हिंसा में महत्वपूर्ण भूमिका निभाई थी. इस घटना के पश्चात् पुलिस ने 6 जून, 2018 के बाद से नौ लोगों को गिरफ्तार किया है. जिसमें धीर धावले, रोना विल्सन, सुरेंद्र गाडलिंग, शोमा सेन, महेश राउत, पी वरवरा राव, सुधा भारद्वाज, अरुण फरेरा और वर्नन गोन्साल्वेज का नाम शामिल है.

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इससे पहले पुणे सेशन कोर्ट ने छह नवंबर को इस मामले में 6 आरोपियों की जमानत अर्जी खारिज कर दी थी. इन आरोपियों में रोना विल्सन (Rona Wilson), शोमा सेन (Shoma Sen) , सुरेंद्र गाडलिंग (Surendra Gadling), महेश राउत (Mahesh Raut), वरवारा राव (Varvara Rao) और सुधीर धवले (Sudhir Dhavle) शामिल का नाम शामिल था. वहीं सुधा भारद्वाज, वर्नोन गोंसाल्वेस और अरुण फरेरा की जमानत याचिका बॉम्बे हाई कोर्ट ने पहले ही खारिज कर दी थी.

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