Maratha Reservation: मराठा आरक्षण पर महाराष्ट्र कैबिनेट बैठक की अहम बैठक आज, सीएम शिंदे होंगे शामिल
मराठा आरक्षण पर महाराष्ट्र कैबिनेट उपसमिति की बैठक चार सितंबर को दोपहर 12 बजे होगी. बैठक में सीएम एकनाथ शिंदे समेत अन्य बड़े नेता भी शामिल होंगे.
मुंबई: महाराष्ट्र में मराठा आरक्षण का मुद्दा एक बार फिर उबाल पर है. मराठा समुदाय के लिए आरक्षण की मांग करते हुए आंदोलन हिंसक हो गया और सोलापुर, औरंगाबाद, नागपुर और महाराष्ट्र के अन्य जिलों तक फैल गया. मराठा आरक्षण को लेकर अब महाराष्ट्र सीएमओ ने बयान जारी किया है जिसमें कहा गया है कि मराठा आरक्षण पर महाराष्ट्र कैबिनेट उपसमिति की बैठक चार सितंबर को दोपहर 12 बजे होगी. बैठक में सीएम एकनाथ शिंदे समेत अन्य बड़े नेता भी शामिल होंगे. ऐसे कई स्टालिन आएंगे और चले जाएंगे, सनातन धर्म हमेशा रहेगा', उदयनिधि पर भड़के CM एकनाथ शिंदे.
महाराष्ट्र के जालना जिले में हुई हिंसा के मद्देनजर मुख्यमंत्री एकनाथ शिंदे ने रविवार को कहा कि उनकी सरकार इस समुदाय को शिक्षण संस्थानों और सरकारी नौकरियों में आरक्षण प्रदान करने के लिए प्रतिबद्ध है. सीएम शिंदे ने कहा, “नवंबर 2014 में, जब तत्कालीन सीएम देवेंद्र फड़नवीस के नेतृत्व में गठबंधन सरकार सत्ता में थी, सरकार ने मराठा आरक्षण की घोषणा की थी. हाई कोर्ट ने भी सरकार द्वारा लिए गए मराठा आरक्षण के फैसले को बरकरार रखा, लेकिन सुप्रीम कोर्ट ने अलग फैसला लिया. सब जानते हैं कि यह किसी की लापरवाही के कारण हुआ है.
सुप्रीम कोर्ट में लड़ने के लिए सरकार तैयार
मुख्यमंत्री ने कहा, "मराठा आरक्षण का मामला फिलहाल कोर्ट में है. राज्य सरकार इस मामले को अदालत में लड़ने के लिए पूरी तरह से तैयार है...कुछ कठिनाइयां हैं, और राज्य सरकार उन्हें हल करने की कोशिश कर रही है." शिंदे ने कहा, ‘‘मेरी सरकार राज्य में मराठा समुदाय को आरक्षण देने के लिए प्रतिबद्ध है. हम तब तक चुप नहीं बैठेंगे जब तक समुदाय को वाजिब आरक्षण नहीं मिल जाता है.’’
मुख्यमंत्री ने लोगों से उन लोगों से सावधान रहने की अपील की जो स्थिति से राजनीतिक लाभ लेना चाहते हैं. उन्होंने कहा, "मैं मराठा समुदाय से, जिन्होंने अब तक बहुत ही समझदारी और शांति से अपनी भावनाएं व्यक्त की हैं, हाथ जोड़कर अपील करता हूं कि वे संयम बरतें और कानून को अपने हाथ में न लें." "इस आंदोलन के नेता जारांगे पाटिल से मेरी बातचीत हुई. उनकी मांगों को लेकर मेरी अध्यक्षता में बैठकें भी हुईं. उनकी मांगों पर सरकार की ओर से कार्रवाई की जा रही थी. हालांकि, उसके बाद भी आंदोलन शुरू हो गया."
शिंदे सरकार आरक्षण के प्रति प्रतिबद्ध
सीएम ने कहा, ‘‘जब तक मराठा समुदाय को आरक्षण नहीं मिल जाता, तब तक पहले से क्रियान्वित सरकारी योजनाएं जारी रहेंगी और मराठा समुदाय के पात्र लोगों को इसका लाभ मिलेगा.’’
राज्य सरकार द्वारा मराठा समुदाय को नौकरियों और शिक्षा में प्रदान किए गए आरक्षण को मई 2021 में उच्चतम न्यायालय ने अन्य आधारों के अलावा कुल आरक्षण का 50 प्रतिशत की ऊपरी सीमा का हवाला देते हुए रद्द कर दिया था.
मराठा समुदाय के लिए आरक्षण की मांग को लेकर जारी आंदोलन शुक्रवार को जालना के अंतरवाली सराटी गांव में हिंसक हो गया, जिसमें दर्जनों पुलिस कर्मी सहित कई लोग घायल हुए. पुलिस ने हिंसक भीड़ को तितर-बितर करने के लिए लाठीचार्ज किया और आंसू गैस के गोले छोड़े. प्रदर्शनकारियों ने कथित तौर पर अधिकारियों को भूख हड़ताल पर बैठे एक व्यक्ति को अस्पताल ले जाने से रोक दिया था.