Maharashtra Private Sector Working Hours: महाराष्ट्र के निजी क्षेत्र में काम करने वाले कर्मचारियों के लिए अहम खबर हैं. राज्य मंत्रिमंडल ने बुधवार को श्रम कानूनों में संशोधन को मंजूरी दी, जिसके तहत निजी क्षेत्र के कर्मचारियों का अधिकतम दैनिक कार्य समय 9 घंटे से बढ़ाकर 10 घंटे कर दिया गया है. इसके पीछे सरकार की तरफ से तर्क दिया गाय कि यह निर्णय निवेश को आकर्षित करने, रोजगार के अवसर बढ़ाने और श्रमिकों के अधिकारों की रक्षा के उद्देश्य से लिया गया है.
केंद्रीय सिफारिशों के अनुरूप फैसला
मुख्यमंत्री देवेंद्र फडणवीस (CM Devendra Fadnavis) की अध्यक्षता में हुई कैबिनेट बैठक में केंद्रीय टास्क फोर्स की सिफारिशों को स्वीकार किया गया. इस संशोधन के साथ महाराष्ट्र उन राज्यों की सूची में शामिल हो गया है, जिनमें कर्नाटक, तमिलनाडु, तेलंगाना, उत्तर प्रदेश और त्रिपुरा जैसे राज्य पहले ही समान श्रम सुधार लागू कर चुके हैं. यह भी पढ़े: Maharashtra E-Bike Taxi Service: महाराष्ट्र कैबिनेट का बड़ा फैसला, शहरों में ई-बाइक टैक्सी सेवा को मिली मंजूरी, सिर्फ मुंबई में 10,000 नौकरियां पैदा होने की उम्मीद
सरकार का बयान
सरकार के बयान के अनुसार, यह संशोधन उद्योगों को पीक डिमांड या श्रम की कमी के दौरान निर्बाध रूप से काम करने की सुविधा देगा. नए नियमों के तहत उद्योगों में अधिकतम कार्य समय 9 से बढ़ाकर 12 घंटे किया जाएगा, लेकिन हर छह घंटे के बाद कर्मचारियों को विश्राम का समय दिया जाएगा. साथ ही, कर्मचारियों को उचित ओवरटाइम मुआवजे का प्रावधान भी सुनिश्चित किया गया है, ताकि उनके अधिकार सुरक्षित रहें.
श्रम कानून में संशोधन
श्रम विभाग ने इस बदलाव को महाराष्ट्र दुकान और प्रतिष्ठान (रोजगार और सेवा शर्तों का विनियमन) अधिनियम, 2017 में संशोधन के रूप में प्रस्तुत किया। यह अधिनियम राज्य में दुकानों, होटलों, मनोरंजन स्थलों और अन्य व्यवसायों में काम के घंटों और सेवा शर्तों को नियंत्रित करता है। संशोधन से निजी क्षेत्र में कार्यरत कर्मचारियों के लिए अधिक लचीलापन और उत्पादकता बढ़ाने की उम्मीद है.
सरकार का तर्क
सरकार का मानना है कि यह कदम महाराष्ट्र को औद्योगिक निवेश के लिए अधिक आकर्षक बनाएगा. बढ़े हुए कार्य समय से उद्योगों को उत्पादन में लचीलापन मिलेगा, खासकर उन क्षेत्रों में जहां मौसमी मांग या श्रम की कमी की स्थिति होती है। साथ ही, ओवरटाइम मुआवजे से कर्मचारियों को अतिरिक्त आय का अवसर भी मिलेगा.
कर्मचारी संगठनों की प्रतिक्रिया का इंतजार
इस फैसले पर श्रमिक संगठनों और कर्मचारी यूनियनों की प्रतिक्रिया अभी सामने नहीं आई है। कुछ विशेषज्ञों का कहना है कि कार्य समय में वृद्धि से कर्मचारियों पर दबाव बढ़ सकता है, लेकिन विश्राम अवकाश और ओवरटाइम मुआवजे के प्रावधान इसे संतुलित कर सकते हैं.













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