Mumbai Local Update: आम जनता के लिए कब शुरू होगी मुंबई लोकल? उद्धव सरकार के वरिष्ठ मंत्री ने दिया यह जवाब

देश की आर्थिक राजधानी मुंबई (Mumbai) में अब कोरोना संक्रमण काफी हद तक काबू में है. जिसके मद्देनजर उद्धव सरकार के निर्णय के बाद बीएमसी (बृहन्मुंबई महानगरपालिका) ने मुंबई में कोरोना पाबंदियों में ढील देने का आदेश जारी किया. हालांकि इसके बावजूद मुंबईकरों की सबसे बड़ी जरुरत लोकल ट्रेनें उनकी पहुंच से दूर है.

लोकल ट्रेन (Photo Credits: Wikimedia Commons)

Mumbai Local Train Updates: देश की आर्थिक राजधानी मुंबई (Mumbai) में अब कोरोना संक्रमण काफी हद तक काबू में है. जिसके मद्देनजर उद्धव सरकार के निर्णय के बाद बीएमसी (बृहन्मुंबई महानगरपालिका) ने मुंबई में कोरोना पाबंदियों में ढील देने का आदेश जारी किया. हालांकि इसके बावजूद मुंबईकरों की सबसे बड़ी जरुरत लोकल ट्रेनें उनकी पहुंच से दूर है. बताया जा रहा है की वैक्सीन की दोनों डोज लगवा चुके यात्रियों के लिए उपनगरीय रेलवे को खोलने के प्रस्ताव पर राज्य सरकार गंभीरता से विचार कर रही है. उद्धव सरकार में स्वास्थ्य मंत्री राजेश टोपे (Rajesh Tope) ने इस बात के संकेत दिया है. Mumbai Local Update: वैक्सीन लगवा चुके लोगों को लोकल ट्रेनों से यात्रा करने की अनुमति क्यों नहीं दी जा सकती? कोर्ट ने महाराष्ट्र सरकार से पूछा

मीडिया से बात करते हुए महाराष्ट्र के स्वास्थ्य मंत्री राजेश टोपे ने आज कहा “लोकल ट्रेन खोलने के लिए किसी ने ना नहीं कहा है, इसे होल्ड किया है. इस पर सोच-विचार चल रहा है.” महाराष्ट्र आपदा प्रबंधन विभाग कोविड-19 की दोनों खुराक ले चुके लोगों को मुंबई में लोकल ट्रेनों में यात्रा करने की अनुमति देने के पक्ष में है. हालांकि इस पर अंतिम फैसला मुख्यमंत्री उद्धव ठाकरे को लेना है.

हाल ही में बॉम्बे हाईकोर्ट (Bombay High Court) ने महाराष्ट्र (Maharashtra) सरकार से प्रश्न किया कि कोरोना वायरस संक्रमण रोधी टीके की दोनों खुराक ले चुके लोगों को मुंबई में लोकल में यात्रा करने की इजाजत क्यों नहीं दी जा सकती. सोमवार को मुख्य न्यायाधीश दीपांकर दत्ता (Dipankar Dutta) और न्यायमूर्ति जीएस कुलकर्णी (GS Kulkarni) की पीठ ने कहा कि अगर संक्रमण रोधी टीके की खुराक लेने के बाद भी नागरिकों से घरों के अंदर रहने की उम्मीद की जाती है तो वैक्सीन की दोनों खुराक लेने का मतलब ही क्या है. इस मामले की अगली सुनवाई पांच अगस्त को होगी.

अभी तक केवल उन्हीं लोगों को लोकल ट्रेनों में यात्रा करने की अनुमति है, जो आवश्यक और आपातकालीन सेवा से जुड़े हैं. मुंबई के अधिकांश लोग लोकल ट्रेनों में सफर करते है. इसलिए लोकल ट्रेन को मुंबई की लाइफलाइन कहा जाता है. हालांकि, कोरोना महामारी की दूसरी घातक लहर के चलते लोकल ट्रेनें मुंबईकरों की पहुंच से दूर हो गई. औसत तौर पर देखें, तो करीब 85 लाख यात्री रोजाना आधार पर 3200 ट्रेन सेवाओं का उपयोग करते हैं. मुंबई महानगरीय क्षेत्र (एमएमआर) 157 स्टेशनों को मिलाकर 390 किलोमीटर तक फैला हुआ है.

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