Maharashtra Heat Stroke: महाराष्ट्र सरकार का ऐलान, भूषण पुरस्कार समारोह में लू लगने से मरने वालों को 5 लाख रुपये मुआवजे की घोषणा
यहां हुए एक विशाल समारोह में केंद्रीय गृहमंत्री अमित शाह द्वारा सुधारक अप्पासाहेब धर्माधिकारी को 'महाराष्ट्र भूषण 2022' पुरस्कार से सम्मानित किए जाने के बाद एक त्रासदी में कम से कम 11 लोगों की लू लगने से मौत हो गई
Maharashtra Heat Stroke: यहां हुए एक विशाल समारोह में केंद्रीय गृहमंत्री अमित शाह द्वारा सुधारक अप्पासाहेब धर्माधिकारी को 'महाराष्ट्र भूषण 2022' पुरस्कार से सम्मानित किए जाने के बाद एक त्रासदी में कम से कम 11 लोगों की लू लगने से मौत हो गई और तीन दर्जन से अधिक अस्पताल में भर्ती हैं. आपदा की खबर सुनते ही मुख्यमंत्री एकनाथ शिंदे और अन्य लोग देर शाम नवी मुंबई के एमजीएम अस्पताल पहुंचे और वहां भर्ती श्रद्धालुओं का हाल जाना.
शिंदे ने बाद में मीडियाकर्मियों से कहा, दुखद खबर है.. लू लगने से करीब सात-आठ लोगों की मौत हो गई है. उन्होंने मृतकों के परिजनों को 5 लाख रुपये के मुआवजे की भी घोषणा की और कहा कि अन्य मरीजों की ठीक से देखभाल की जा रही है. कांग्रेस के मुख्य प्रवक्ता अतुल लोंढे ने तीखी प्रतिक्रिया देते हुए कहा कि यह एक सरकारी समारोह था और इसलिए इसमें शामिल होने वालों की सुरक्षा उसका कर्तव्य है. यह भी पढ़े: Death By Heatstroke: महाराष्ट्र भूषण पुरस्कार समारोह में लू लगने से 13 लोगों की मौत, 600 से अधिक बीमार
उन्होंने मांग की, इतने सारे लोगों की जान चली गई है. सरकार पर गैर इरादतन हत्या का मामला दर्ज किया जाना चाहिए और जिम्मेदार लोगों के खिलाफ कार्रवाई की जानी चाहिए. लोंधे ने गर्मी के चरम पर खुले मैदान में इस तरह के बड़े आयोजन को सरकार की ओर से 'लापरवाही' करार दिया.
दरअसल, अमित शाह ने अपने भाषण के दौरान अप्पासाहेब धर्माधिकारी के प्रति समर्पण के उदाहरण के रूप में 42 डिग्री सेल्सियस तापमान में धैर्यपूर्वक बैठने के लिए लोगों को सलाम किया था. आयोजकों ने दावा किया था कि मेगा-इवेंट में लगभग 20 लाख लोग शामिल हुए थे और शिंदे ने गर्व से घोषणा की थी कि कैसे इसने पिछले रिकॉर्ड तोड़ दिए हैं.
इस कार्यक्रम को देखने के लिए लोग पिछले दो दिनों से कोंकण और राज्य के अन्य हिस्सों से बसों, ट्रकों या नावों में मुंबई में जमा हो रहे थे. दोपहर करीब तीन घंटे तक चले कार्यक्रम में कई लोगों को भीषण गर्मी से बचने के लिए स्कार्फ, टोपी, छाता टोपी या दुपट्टा और अन्य टोपी पहने देखा जा सकता है.
'महाराष्ट्र भूषण' पुरस्कार से सम्मानित किए जाने के तुरंत बाद धर्माधिकारी ने 25 लाख रुपये की पुरस्कार राशि मुख्यमंत्री राहत कोष में दान कर दी.