बारिश के मौसम (Rainy Season) का आनंद उठाने के लिए अधिकांश पर्यटक (Tourists) महाराष्ट्र (Maharashtra) के ठाणे और पुणे जिले (Thane And Pune District) की सीमा पर स्थित मालशेज घाट (Malshej Ghat) का रूख करते हैं. मालशेज घाट एक पहाड़ी दर्रे की तरह है जो पश्चिमी घाट श्रृंखला की ऊंची और उबड़-खाबड़ पहाड़ियों पर स्थित है. अगर आप भी मानसून का लुत्फ उठाने के लिए दोस्तों या परिवार वालों के साथ मालशेज घाट जाने का मन बना रहे हैं तो इसमें आपको निराशा हाथ लग सकती है, क्योंकि 31 जुलाई तक यहां पर्यटकों की आवाजाही पर पाबंदी लगी दी गई है. दरअसल, बरसात में पहाड़ी दर्रों के खिसकने और इससे पहले यहां हुए हादसे को ध्यान में रखते हुए ठाणे जिले के जिलाधिकारी राजेश नार्वेकर (Rajesh Narvekar) ने इस बाबत लिखित आदेश जारी किया है.
बता दें कि मानसून (Monsoon) में मुंबई, पुणे, नासिक जैसे स्थानों से हजारों की तादात में पर्यटक मालशेज घाट पर बारिश का लुत्फ उठाने के लिए आते हैं. इस आदेश को जारी किए जाने के बाद पर्यटन विभाग द्वारा विकसित किए गए खास टूरिस्ट पॉइट्स पर पुलिस की पैनी नजर बनी हुई है. जिलाधिकारी के आदेश के बाद अब 31 जुलाई 2019 तक पर्यटक मालशेज घाट पर घूमने-फिरने के लिए नहीं जा सकेंगे. हालांकि यहां गाड़ियों की आवाजाही सुचारू रुप से जारी रहेगी, लेकिन पर्यटकों को यहां रुकने या घूमने की इजाजत नहीं है. यह भी पढ़ें: महाराष्ट्र का यह बीच दिलाता है गोवा में होने का एहसास, कपल्स के लिए बेहद खास है ये टूरिस्ट डेस्टिनेशन
बारिश के दौरान मालशेज घाट, गणेश लेनी, पडाले डैम और सिद्धगढ जैसी जगहों पर पुलिस की पैनी नजर रहेगी. खासकर वीकेंड पर यहां पुलिस की कड़ी सुरक्षा व्यवस्था की जाएगी. शनिवार और रविवार को मालशेज घाट पर दो पुलिस अधिकारियों के साथ 35 पुलिसकर्मियों को तैनात किया जाएगा. बताया जा रहा है कि जो भी इस आदेश का उल्लंघन करेगा उस पर कड़ी कार्रवाई की जाएगी. पुणे और ठाणे जिले की सीमा पर स्थित मालशेज घाट की लंबाई 9 किलोमीटर बताई जाती है. यह भी पढ़ें: पश्चिम की ये वादियां और फिजाएं, इनकी प्राकृतिक सुंदरता पर्यटकों को करती हैं अपनी ओर आकर्षित
गौरतलब है कि मुंबई से मुरबाड होते हुए मालशेज घाट की दूरी 154 किलोमीटर है, जबकि पुणे के आलेफाटा से होते हुए मालशेज घाट की दूरी 164 किलोमीटर है, वहीं आलेफाटा से होते हुए इसकी दूरी सिर्फ 39 किलोमीटर है. यहां की खास बात तो यह है कि मानसून के दौरान यहां स्थित झरनों की सुंदरता और हरियाली इतनी ज्यादा बढ़ जाती है कि पर्यटक इसकी खूबसूरती को करीब से निहारने के लिए खींचे चले आते हैं. बारिश में यहां का मौसम इतना सुहाना होता है कि प्रवासी पक्षी फ्लेमिंगो भी इस जगह पर सुदूर स्थलों से अपना डेरा जमाने के लिए आते हैं.