महाराष्ट्र विधानसभा चुनाव 2019: ये हैं सूबे की 5 VIP सीट जहां दिग्गजों की किस्मत है दांव पर
महाराष्ट्र विधानसभा चुनाव (Maharashtra Election Date 2019 ) में अब सिर्फ कुछ समय बचा है. साल 2014 में भारतीय जनता पार्टी (BJP) और शिवसेना( Shivsena) ने की जीत हुई थी और देवेंद्र फडणवीस के नेतृत्व में सरकार बनाई. इस बार मनमुटाव के बावजूद एक बार फिर से सेना-भाजपा मिलकर मैदान में उतरी है. वहीं कांग्रेस और राष्ट्रवादी कांग्रेस पार्टी ने मिलकर लड़ने का फैसला किया है. लोकसभा चुनाव में मिली बड़ी जीत के बाद से बीजेपी और सेना के हौसले बुलंद हैं. इसी तरह से जीत का सिलिसला बरकरार रखने के उद्देश्य दोनों ही पार्टियों ने जोर-शोर से प्रचार और प्रसार शुरू कर दिया है. वहीं कांग्रेस अपने सहयोगी पार्टी एनसीपी के साथ मैदान में कूद पड़ी है. कांग्रेस 21 अक्टूबर को विधानसभा चुनाव के लिए अपने अभियान में बेरोजगारी और खस्ता आर्थिक स्थिति का मुद्दा लेकर जनता के बीच जाने का मन बना चुकी है.
महाराष्ट्र विधानसभा चुनाव (Maharashtra Assembly Elections 2019 ) में अब सिर्फ कुछ समय बचा है. साल 2014 में भारतीय जनता पार्टी (BJP) और शिवसेना( Shivsena) ने की जीत हुई थी और देवेंद्र फडणवीस के नेतृत्व में सरकार बनाई. इस बार मनमुटाव के बावजूद एक बार फिर से सेना-भाजपा मिलकर मैदान में उतरी है. वहीं कांग्रेस और राष्ट्रवादी कांग्रेस पार्टी ने मिलकर लड़ने का फैसला किया है. लोकसभा चुनाव में मिली बड़ी जीत के बाद से बीजेपी और सेना के हौसले बुलंद हैं. इसी तरह से जीत का सिलिसला बरकरार रखने के उद्देश्य दोनों ही पार्टियों ने जोर-शोर से प्रचार और प्रसार शुरू कर दिया है. वहीं कांग्रेस अपने सहयोगी पार्टी एनसीपी के साथ मैदान में कूद पड़ी है. कांग्रेस 21 अक्टूबर को विधानसभा चुनाव के लिए अपने अभियान में बेरोजगारी और खस्ता आर्थिक स्थिति का मुद्दा लेकर जनता के बीच जाने का मन बना चुकी है. इस बार के घमासान टक्कर के बीच कांग्रेस का आन्तरिक कलह भी खुलकर सामने आ चूका है. कांग्रेस के दिग्गज नेता संजय निरुपम ने प्रचार करने इनकार कर दिया है. वहीं एनसीपी के कई बड़े नेता बीजेपी और सेना का दामन थाम चुके हैं.
महाराष्ट्र में वैसे तो कई हाई प्रोफाइल विधानसभा सीटें हैं. लेकिन इस बार के विधानसभा चुनाव में पांच ऐसी सीटें बेहद खास मानी जा रही हैं. जिसपर सभी कि नजरें हैं. क्योंकि इस बार की लड़ाई कई नेताओं की साख दांव पर लगा है. एक तरफ जहां आदित्य ठाकरे (Aaditya Thackeray ) के मैदान में उतरने के बाद महाराष्ट्र की वर्ली विधानसभा सीट (Worli constituency) वीआईपी सीटों में शुमार हो गई है. वहीं नागपुर दक्षिण-पश्चिम विधानसभा सीट बेहद खास इसलिए है कि यहां पर सूबे के सीएम देवेंद्र फडणवीस (Devendra Fadnavis) मैदान में उतरे हैं. इसके अलावा पर्ली से पंकजा मुंडे (Pankaja Munde) और बारामती से अजीत पवार ( Ajit Pawar ) चुनाव लड़ेंगे. वहीं मराठवाडा से चुनाव लड़ रहे जयदत्त क्षीरसागर की सीट भी अहम मानी जा रही है, क्योंकि यहां चाचा बनाम भतीजे का टक्कर है.
नागपुर दक्षिण-पश्चिम विधानसभा सीट:
मुख्यमंत्री देवेंद्र फडणवीस की सीट पर इस बार सभी कि नजरें बनी हुई है. फडणवीस एक बार फिर नागपुर दक्षिण-पश्चिम विधानसभा सीट से मैदान में उतर रहे हैं. वैसे इस सीट को बीजेपी का गढ़ माना जाता है यही कारण है कि यहां देवेंद्र फडणवीस इस विधानसभा सीट से लगातार दो बार चुनाव जीत चुके हैं. इस सीट साल 1978 से बीजेपी का कब्जा रहा है. जबकि कांग्रेस को एक बार जीत मिली है. बता दें कि साल 2014 में विधानसभा फडणवीस ने कांग्रेस के उम्मीदवार विनोद गुडधे पाटिल को 58,942 वोटों से पराजित किया था. वहीं इस बार देवेंद्र फडणवीस के सामने कांग्रेस ने आशीष देशमुख मैदान में उतरे हैं.
वर्ली विधानसभा सीट:
महाराष्ट्र विधानसभा चुनाव 2019 में शिवसेना (Shiv Sena) प्रमुख उद्धव ठाकरे (Uddhav Thackeray) के बेटे आदित्य ठाकरे (Aaditya Thackeray) वर्ली (Worli Assembly seat) से चुनाव लड़ रहे हैं. ठाकरे परिवार में ऐसा पहली बार हुआ है जब कोई चुनाव लड़ने लिए मैदान उतरा हो. आदित्य को मैदान में उतार शिवसेना उन्हें सीएम के तौर पर देख रही है. बता दें कि वर्ली सीट इससे पहले भी शिवसेना के खाते में थी. इसे एक सुरक्षित सीट भी आदित्य के लिए माना जा रहा है. साल 2014 में एनसीपी के पूर्व नेता सचिन अहीर को सुनील शिंदे ने हराया था.
पर्ली विधानसभा सीट:
बीजेपी ने पर्ली विधानसभा से पूर्व केंद्रीय मंत्री गोपीनाथ मुंडे की बेटी पंकज मुंडे को प्रत्याशी बनाया है. लेकिन उन्हें टक्कर इस बार फिर से टक्कर देने के लिए विपक्ष के नेता धनंजय मुंडे के खिलाफ मैदान में हैं. एक बार फिर यहां भाई-बहन में टक्कर है.
बारामती विधानसभा सीट
बारामती सीट पर राष्ट्रवादी कांग्रेस पार्टी (NCP) के अध्यक्ष शरद पवार (Sharad Pawar) और उनके परिवार का कब्जा रहा है. एक बार फिर से इस बार जनता के बीच में अजीत पवार इसी सीट से मैदान में उतरे हैं. इस सीट पर एनसीपी के पकड़ अंदाजा इसी बात से लगाया जा सकता है कि साल 1967 से लेकर 1990 तक शरद पवार इस सीट से MLA रहे हैं. वहीं अजीत पवार 1991 से विधायक हैं. इस बार अजीत पवार को टक्कर देने के लिए यहां से बीजेपी ने गोपीचंद पडळकर को मैदान में उतारा है.
बीड विधानसभा सीट:
बीड, मराठवाड़ा में भी ऐसा नहीं है कि भाई-बहन ही आमने-सामने चुनाव लड़ रहे हैं. कुछ ऐसा ही नजारा बीड में नजर आ रहे हैं. जहां पर शिवसेना के मंत्री जयदत्त क्षीरसागर जिन्होंने एनसीपी को छोड़ दिया था. अब उन्ही के सामने एनसीपी ने उनके भतीजे संदीप के खिलाफ मैदान में उतारा है.