लॉकडाउन: महाराष्ट्र सरकार का बड़ा फैसला, मेडिकल टेस्ट के बाद प्रवासी गन्ना मजदूर जा सकते हैं अपने गांव
इन मजदूरों के बारे में यह भी सरकार की तरफ से कहा गया है कि घर जाते समय उनके खाने आदि की व्यवस्था चीनी कारखानों के मालिक द्वारा की जाएगी. बता दें कि महाराष्ट्र कई बड़ी चीनी की मिले हैं. जिन मीलों में बड़े पैमाने पर प्रवासी मजदूर काम करते हैं. जो वे लोग 3 मै तक लॉकडाउन बढ़ाये जाने के चलते वे जिस शहर में काम कर रहे हैं उसी शहर में फंसे हुए हैं.
मुंबई: लॉकडाउन 14 अप्रैल से 3 मई तक बढ़ाए जाने की वजह से बड़े पैमाने पर मजदूर महाराष्ट्र (Maharashtra) में फंस गए है. जिन्हें खाने पीने की चीजों के चलते उन्हें दिक्कत होने के बाद वे अपने घर जाने चाहते हैं. लेकिन जा नहीं पा रहे हैं. इन्हीं प्रवासी मजदूरों में गन्ना से जुड़े प्रवासी मजदूर हैं. जो महाराष्ट्र के अलग- अलग जिलों में फंसे हुए हैं. लेकिन महाराष्ट्र सरकार (Maharashtra Govt.) उनके बारे में एक बड़ा फैसला लिया है. सरकार की तरफ से कहा गया है कि एक लाख से अधिक प्रवासी गन्ना मजदूरों को मेडिकल चेकअप (Medical Checkup) के बाद वे अपने गांव के लिए जा सकते हैं.
इन मजदूरों के बारे में यह भी सरकार की तरफ से कहा गया है कि घर जाते समय उनके खाने आदि की व्यवस्था चीनी कारखानों के मालिक द्वारा की जाएगी. बता दें कि महाराष्ट्र कई बड़ी चीनी की मिले हैं. जिन मीलों में बड़े पैमाने पर प्रवासी मजदूर काम करते हैं. जो वे लोग 3 मै तक लॉकडाउन बढ़ाये जाने के चलते वे जिस शहर में काम कर रहे हैं उसी शहर में फंसे हुए हैं. यह भी पढ़े: लॉकडाउन की मार: महाराष्ट्र में फंसे प्रवासी मजदूर साइकिल चलाकर अपने घरों के लिए जाने को मजबूर
दरअसल महाराष्ट्र में फंसे प्रवासी मजदूरों को लॉकडाउन होने के बाद उनके खाने- पीने -की चीजो की दिक्कत होने के चलते वे अब पैदल या फिर साइकल से ही घर जाना शुरू कर दिए हैं. मध्य प्रदेश के सताना में देखा गया कि नासिक और नागपुर में रहने वाले कुछ मजदूरों ने लॉकडाउन बढ़ाये जाने के बाद वे साइकिल और पैदल ही चलकर अपने घर को पहुंचे.