Video: पटना पुलिस ने जैसे ही प्रदर्शन कर रहे टीचरों पर की पानी की बौछार, नाले में धड़ाम से गिर पड़े मजिस्ट्रेट साहब

बिहार (Bihar) के गर्दनीबाग धरला स्थल से गुरुवार को एक अजीबोगरीब घटना सामने आई. दरअसल यहां राज्य के कंप्यूटर शिक्षक (Teacher) अपनी नौकरी पक्की करने के लिए प्रदर्शन कर रहे थे. इस बीच जैसे ही शिक्षकों ने सूबे के मुख्यमंत्री नीतीश कुमार (Nitish Kumar) के खिलाफ नारेबाजी शुरू की, प्रशासन ने बल-प्रयोग का इस्तेमाल किया. इस दौरान प्रदर्शन कर रहे शिक्षकों पर जमकर लाठियां भांजी गई.

पटना में नाले में गिरे मजिस्ट्रेट (Photo Credits: Youtube)

पटना: बिहार (Bihar) के गर्दनीबाग धरला स्थल से गुरुवार को एक अजीबोगरीब घटना सामने आई. दरअसल यहां राज्य के कंप्यूटर शिक्षक (Teacher) अपनी नौकरी पक्की करने के लिए प्रदर्शन कर रहे थे. इस बीच जैसे ही शिक्षकों ने सूबे के मुख्यमंत्री नीतीश कुमार (Nitish Kumar) के खिलाफ नारेबाजी शुरू की, प्रशासन ने बल-प्रयोग का इस्तेमाल किया. इस दौरान प्रदर्शन कर रहे शिक्षकों पर जमकर लाठियां भांजी गई.

मिली जानकारी के मुताबिक यहा शिक्षक कंप्यूटर शिक्षक कल्याण संघ के बैनर तले विरोध प्रदर्शन कर रहे थे. शिक्षकों की मांग थी की उन्हें स्थायी नौकरी दी जाए. इस बीच मौके पर मजिस्ट्रेट एमएस खान पहुंचे और प्रदर्शनकारियों पर वाटर कैनन का उपयोग करने का आदेश दिया. लेकिन वह खुद ही इसकी चपेट में आ गए और एक नाले में जाकर गिर गए.

इस घटना का वीडियो सोशल मीडिया पर तेजी से वायरल हो रहा है. इसमें साफ़ देखा जा सकता है कि कैसे मजिस्ट्रेट साहब का बैलेंस पानी की तेज बौछार लगने से बिगड़ जाता है और वो धड़ाम से नाले में गिर जाते है. तभी मौके पर मौजूद अधिकारी और पुलिसकर्मी उन्हें बचाने के लिए दौड़ पड़े. गलीमत रही की मजिस्ट्रेट एमएस खान को चोटें नहीं यई.

गौरतलब हो कि शिक्षकों की हालत पर चिंता जताते हुए राज्यसभा में शुक्रवार को मांग की गई कि शिक्षकों की गणना की जानी चाहिए, उन्हें वेतन सहित तमाम आवश्यक सुविधाएं दी जानी चाहिए और रिक्त पदों पर तत्काल नियुक्तियां की जानी चाहिए. उच्च सदन में शून्यकाल के दौरान आरजेडी के सांसद मनोज कुमार झा ने देश के शिक्षण संस्थानों में कार्यरत तदर्थ शिक्षकों एवं अतिथि शिक्षकों का मुद्दा उठाया. उन्होंने कहा कि कई जगहों पर तदर्थ शिक्षक एवं अतिथि शिक्षक 20-25 साल से इन्हीं पदों पर काम कर रहे हैं और उनकी स्थिति अच्छी नहीं है. इसके अलावा प्राइवेट शिक्षण संस्थानों में भी शिक्षकों की हालत चिंतनीय है.

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