इंदौर: मध्य प्रदेश (Madhya Pradesh) में पेट्रोल-डीजल पर मूल्य संवर्धित कर (वैट) में पांच फीसद के इजाफे के खिलाफ ट्रांसपोर्टरों की हड़ताल से पिछले दो दिन में करीब 15 लाख वाणिज्यिक वाहनों के चक्के थमने का दावा किया गया है. इस हड़ताल से त्योहारी मौसम में माल की आपूर्ति पर खासा असर पड़ रहा है.
मध्यप्रदेश ट्रक व ट्रांसपोर्ट संघर्ष समिति के अध्यक्ष सीएल मुकाती ने रविवार को कहा, "हमारी जायज मांगों पर राज्य सरकार के अड़ियल रवैये के खिलाफ शनिवार से शुरू की गयी हड़ताल से अब तक ट्रकों और डम्परों समेत 15 लाख छोटे-बड़े वाणिज्यिक वाहनों के चक्के थम चुके हैं और माल की आपूर्ति ठप है."
मुकाती ने दावा किया कि ट्रांसपोर्टरों की हड़ताल के चलते ई-कॉमर्स कम्पनियों ने भी त्योहारी मौसम में अपने ग्राहकों से लिये गये ऑर्डर बड़े पैमाने पर निरस्त कर दिये हैं.
उन्होंने एक अनुमान के हवाले से बताया कि इस हड़ताल से पहले, ट्रांसपोर्टरों द्वारा सूबे में हर दिन करीब 200 करोड़ रुपये मूल्य के माल का परिवहन किया जा रहा था.
मुकाती ने कहा, "ट्रांसपोर्टरों की हड़ताल से प्रदेश सरकार के कर राजस्व पर भी जाहिर तौर पर असर पड़ रहा है. प्रदेश सरकार हड़ताल खत्म कराना चाहती है, तो वह पेट्रोल-डीजल पर वैट की वृद्धि का फैसला फौरन वापस ले."