भोपाल: मध्यप्रदेश सियासी संकट खत्म होने का नाम नहीं ले रहा है. अब तक कोरोना वायरस के चलते मध्यप्रदेश विधानसभा 26 मार्च तक के स्थगित कर दी गई थी. लेकिन मध्यप्रदेश से ही सीएम कमलनाथ सरकार ( Kamal Nath Govt) को लेकर खबर है कि बीजेपी के दवाब के बाद प्रदेश के राज्यपाल लालजी टंडन (Governor Lalji Tandon) ने मुख्यमंत्री को पत्र लिखा है. जिसमें उनकी तरफ से 17 मार्च तक फ्लोर टेस्ट करवाने को कहा गया है. बता दें कि बीजेपी के साथ ही पूर्व सीएम शिवराज सिंह चौहान कमलनाथ सरकार को बेदखल करने को लेकर लगातार दबाव बना रहे है. यही वजह है कि बीजेपी के इस दबाव के बाद राज्यपाल ने कमलनाथ सरकार द्वारा उनके विधायकों का फ्लोर टेस्ट कल तक करवाने को कहा है.
खबरों की माने तो राज्यपाल की तरफ से कहा गया है कि मुख्यमंत्री कमलनाथ 17 मार्च यानी तक हर हाल में फ्लोर टेस्ट करवाने को कहा है. गवर्नर ने कहा कि अगर 17 मार्च तक विश्वास मत पर वोटिंग नहीं करवाई गई तो माना जाएगा कि कमलनाथ सरकार के पास बहुमत नहीं है. यह भी पढ़े: मध्य प्रदेश सियासी संकट: विधानसभा की कार्रवाई 26 मार्च तक स्थगित, BJP खटखटा सकती है अदालत का दरवाजा
राज्यपाल ने कमलनाथ को लिखा पत्र:
#MadhyaPradesh Governor Lalji Tandon, writes to CM Kamal Nath, stating 'Conduct the floor test on 17th March otherwise it will be considered that you actually don't have the majority in the state assembly.' pic.twitter.com/TvGx4PTr5r
— ANI (@ANI) March 16, 2020
राज्यपाल द्वारा फ्लोर टेस्ट के लिए कमलनाथ को लिखे पत्र पर कांग्रेस नेता व कमलनाथ सरकार में मंत्री पी.सी. शर्मा का बयान आया है. उन्होंने मीडिया सेस बात करते हुए कहा कि मुझे लगता है राज्यपाल जी दबाव में हैं, उन्होंने आज हमारी सरकार का अभिभाषण पढ़ा है राज्यपाल उसी सरकार का अभिभाषण पढ़ते हैं जिसका बहुमत हो.
मंत्री पी.सी. शर्मा का बयान
राज्यपाल द्वारा फ्लोर टेस्ट के लिए कमलनाथ को लिखे पत्र पर मध्य प्रदेश सरकार में मंत्री पी.सी. शर्मा: मुझे लगता है राज्यपाल जी दबाव में हैं, उन्होंने आज हमारी सरकार का अभिभाषण पढ़ा है राज्यपाल उसी सरकार का अभिभाषण पढ़ते हैं जिसका बहुमत हो। #MadhyaPradeshCrisis pic.twitter.com/a9NOFtwsQm
— ANI_HindiNews (@AHindinews) March 16, 2020
बता दें कि इसके पहले राज्यपाल ने 14 मार्च को पत्र लिखकर मुख्यमंत्री से कहा था कि विधानसभा के बजट सत्र में अभिभाषण के बाद फ्लोर टेस्ट कराया जाए, मगर ऐसा हुआ नहीं. आपकी ओर से 14 मार्च के पत्र का जो जवाब दिया गया है, उसकी भाषा भाव संसदीय मर्यादाओं के अनुकूल नहीं है. (इनपुट आईएएनएस)