मध्य प्रदेश विधानसभा चुनाव( Madhya Pradesh Assembly Election) के लिए वोटिंग 28 नवंबर को खत्म होने के बाद अब एक नया विवाद खड़ा हो गया है. मसला यहां ईवीएम(EVM) की सुरक्षा को लेकर है. जिसमें ईवीएम को लेकर नियमावली का पालन नहीं किया गया. इस बात को चुनाव आयोग ( election commission) ने भी माना है. पहला मसला वोटिंग के तुरंत बाद ईवीएम मशीनों को सागर पहुंचाने में देरी को लेकर शुरू हुआ. लेकिन उसके बाद चुनाव आयोग ने यह स्पष्ट कर दिया कि यह आरक्षित श्रेणी की मशीने थीं जिन्हें बैक अप से लिए रखा गया था.
वहीं दूसरे विवाद की वजह बना राजधानी भोपाल(Bhopal) में ईवीएम स्ट्रॉंगरुम में जो सीसीटीवी कैमरे लगाए गए थे वो करीब एक घंटे के लिए खराब हो गए थे. जिसके बाद चुनाव आयोग ने सफाई देते हुए कहा कि मशीनों से कोई छेड़छाड़ नहीं की गई. वहीं इस मामले में तहसीलदार के सस्पेंड होने की भी जानकारी आ रही है. वहीं इस घटना के बाद कांग्रेस ने विपक्ष पर जमकर हमला करना शुरू कर दिया है. कांग्रेस के वरिष्ठ नेता कमलनाथ सिंह ने ट्वीट कर लिखा है कि 'सभी कांग्रेसजन , कांग्रेस प्रत्याशियों से अपील 11 दिसम्बर मतगणना तक स्ट्रॉंग रूम व ईवीएम पर निगरानी रखे, विशेष सावधानी रखे.कांग्रेस की सरकार बनना तय है'.
सभी कांग्रेसजन , कांग्रेस प्रत्याशियों से अपील 11 दिसम्बर मतगणना तक स्ट्रॉंग रूम व ईवीएम पर निगरानी रखे, विशेष सावधानी रखे...
कांग्रेस की सरकार बनना तय है...
— Office Of Kamal Nath (@OfficeOfKNath) November 30, 2018
Sagar: Divisional Commissioner today terminated the services of Naib Tehsildar Rajesh Mehra for showing negligence as Electronic Voting Machines (EVMs) kept in reserve in Khurai constituency reached strong room 48 hours after the polling. #MadhyaPradeshElections
— ANI (@ANI) December 1, 2018
यह भी पढ़ें:- G-20 Summit: मोदी सरकार की बड़ी कूटनीतिक जीत, भारत करेगा आजादी के 75वें साल 2022 में G-20 की मेजबानी
वहीं कांग्रेस के वरिष्ठ नेताओं के एक प्रतिनिधिमंडल ने चुनाव आयोग से मुलाकात की थी और स्ट्रांग रूम के अंदर ईवीएम की सुरक्षा को लेकर चिंता जाहिर की जबकि पार्टी प्रवक्ता मनीष तिवारी ने पत्रकार वार्ता में कहा कि छत्तीसगढ़ में ईवीएम होटल के कमरे में मिली हैं। उन्होंने मामले की जांच की मांग किया था. पार्टी के वरिष्ठ नेता और कोषाध्यक्ष अहमद पटेल ने चुनाव आयोग से मतों की गणना स्वतंत्र और निष्पक्षता से कराने को कहा है.