नयी दिल्ली, 15 अगस्त देश की आजादी के 75 साल बाद पहली बार सोमवार को लाल किले पर तिरंगे को सलामी देने के लिए ‘मेड इन इंडिया’ (भारत में निर्मित) तोप का इस्तेमाल किया गया।
अब तक इस रस्मी सलामी के लिए ब्रिटिश तोपों का उपयोग होता था। जिन स्वदेशी तोपों से आज सलामी दी गई उनको रक्षा अनुसंधान एवं विकास संगठन (डीआरडीओ) ने विकसित किया है।
इसके अलावा पहली बार एमआई-17 हेलीकॉप्टरों के जरिये लाल किले पर आयोजित स्वतंत्रता दिवस समारोह में पुष्प वर्षा भी गई है. यह भी पढ़ें: राष्ट्रपति द्रौपदी मुर्मू ने राष्ट्रीय युद्ध स्मारक पर श्रद्धांजलि अर्पित की, रक्षा मंत्री भी रहें मौजूद
प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी मोदी ने लाल किले की प्राचीर से कहा, ‘‘आजादी के 75 साल के बाद जिस आवाज को सुनने के लिए हमारे कान तरस रहे थे, आज 75 साल के बाद वो आवाज सुनाई दी है। 75 साल के बाद लाल किले पर तिरंगे को सलामी देने का काम पहली बार ‘मेड इन इंडिया’ तोप ने किया है.’’
उन्होंने कहा, ‘‘आत्मनिर्भर भारत, ये हर नागरिक का, हर सरकार का, समाज की हर एक इकाई का दायित्व बन जाता है। आत्मनिर्भर भारत, ये सरकारी एजेंडा या सरकारी कार्यक्रम नहीं है। ये समाज का जन आंदोलन है, जिसे हमें आगे बढ़ाना है.’’
मोदी ने कहा, ‘‘आज देश की सेना के जवानों का हृदय से अभिनंदन करना चाहता हूं। मेरी आत्मनिर्भरता की बात को संगठित स्वरूप में, साहस के स्वरूप में, सेना के जवानों और सेनानायकों ने जिस जिम्मेदारी के साथ कंधे पर उठाया, उनको आज मैं सलाम करता हूं.’’
उन्होंने कहा, ‘‘मैं पांच-सात साल के छोटे बच्चों को भी सलाम करता हूं। मुझे पता चला कि अब बच्चे विदेश में बने खिलौनों से नहीं खेलना चाहते। यह आत्मनिर्भर भारत को दिखाता है.’’ प्रधानमंत्री ने कहा, ‘‘हमारा प्रयास है कि देश के युवाओं को असीम अंतरिक्ष से लेकर समंदर की गहराई तक अनुसंधान के लिए भरपूर मदद मिले। अंतरिक्ष और समंदर की गहराई में ही हमारे भविष्य के लिए जरूरी समाधान हैं.’’
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