मुंबई, 10 मई: लाउडस्पीकर विरोधी आंदोलन के बीच महाराष्ट्र नवनिर्माण सेना के अध्यक्ष राज ठाकरे ने मंगलवार को एक बार फिर अपने चचेरे भाई और मुख्यमंत्री उद्धव ठाकरे को चेतावनी देते हुए कहा कि 'हमारे धैर्य की परीक्षा न लें, क्योंकि सत्ता आती है और जाती है'. सीएम को लिखे एक पत्र में, राज ठाकरे ने कहा कि जब से मनसे ने राज्य में मस्जिदों पर अवैध लाउडस्पीकरों के खिलाफ आंदोलन शुरू किया है, तब से 28,000 मनसे कार्यकर्ताओं को निषेधात्मक नोटिस दिया गया है, हजारों को निर्वासित किया गया है और कई को जेलों में डाल दिया गया है और यह सब तो तब हुआ है, जब उन्होंने वास्तव में अभियान शुरू भी नहीं किया है. यह भी पढ़ें: Azam Khan Bail: सपा नेता आजम खान को मिली बड़ी राहत, इलाहाबाद हाई कोर्ट ने दी जमानत
राज ठाकरे ने लाउडस्पीकर को हटाने संबंधी सुप्रीम कोर्ट के आदेश का हवाला देते हुए कहा, "यह (पुलिस कार्रवाई) आखिर किसलिए है? ध्वनि प्रदूषण फैलाने वाली मस्जिदों से लाउडस्पीकर नहीं हटाने के लिए?"
मनसे प्रमुख, जो 5 जून को प्रस्तावित अपनी अयोध्या यात्रा को लेकर उत्तर प्रदेश भारतीय जनता पार्टी के सांसद बृजभूषण शरद सिंह के निशाने पर हैं, ने कहा कि जिस तरह से पुलिस उनके लोगों के पीछे पड़ गई है, उसने उनके मन में सवाल पैदा किए हैं.
राज ठाकरे ने कहा, "क्या राज्य सरकार या पुलिस ने कभी राज्य में मस्जिदों में छिपे आतंकवादियों या हथियारों को पकड़ने के लिए समान उत्साह दिखाया है. वे (मनसे प्रवक्ता) संदीप देशपांडे और अन्य लोगों को ऐसे ढूंढ रहे हैं जैसे कि वे कोई आतंकवादी हैं, जो पाकिस्तान से आए हैं."
उन्होंने कहा कि राज्य की जनता और सभी हिंदू आंख खोलकर देख रहे हैं कि मनसे कार्यकर्ताओं को पकड़ने का आदेश किसने दिया है. राज ठाकरे ने कहा, "मैं राज्य सरकार से बस यही कहना चाहता हूं कि हमारे धैर्य की परीक्षा न लें. सत्ता आती है और जाती है, कोई भी स्थायी नहीं है.. आप भी नहीं.. उद्धव ठाकरे."