Loksabha Elections 2024: इंडिया ब्‍लॉक के सदस्यों को अपनाना चाहिए अखिलेश मॉडल- सपा

समाजवादी पार्टी के प्रवक्ता ने कहा है कि सपा अध्यक्ष अखिलेश यादव ने लोकसभा चुनाव में भाजपा का मुकाबला करने के लिए गठबंधन मॉडल रखा है और दूसरों को भी इसका पालन करना चाहिए.

Akhilesh Yadav (Photo Credit: ANI)

लखनऊ, 28 जनवरी : समाजवादी पार्टी के प्रवक्ता ने कहा है कि सपा अध्यक्ष अखिलेश यादव (Akhilesh Yadav) ने लोकसभा चुनाव में भाजपा का मुकाबला करने के लिए गठबंधन मॉडल रखा है और दूसरों को भी इसका पालन करना चाहिए. यह बयान जदयू अध्यक्ष नीतीश कुमार के बिहार के मुख्यमंत्री पद से इस्तीफा देने के बाद आया है.

नीतीश कुमार, जिनके बिहार में भाजपा के समर्थन से नई सरकार बनाने की संभावना है, ने पटना में संवाददाताओं से कहा कि विपक्षी गुट इंडिया में उनके लिए "चीजें अच्छी तरह से काम नहीं कर रही थीं." रविवार को इस घटनाक्रम पर प्रतिक्रिया देते हुए समाजवादी पार्टी के प्रवक्ता अमीक जामेई ने कहा, ''जो चुनाव होने जा रहे हैं वह हमारे धर्मनिरपेक्ष लोकतंत्र को बचाने के लिए हैं. हमारी पार्टी के नेता अखिलेश यादव ने कांग्रेस और आरएलडी के साथ सीट बंटवारे की घोषणा करके एक मॉडल पेश किया है. कांग्रेस के साथ दूसरे दौर की बातचीत जारी है. भाजपा को सत्ता से हटाने के लिए सभी को इसका पालन करना चाहिए. यह भी पढ़ें : नीतीश कुमार: बिहार में सबसे लंबे समय से मुख्यमंत्री, जिनकी पार्टी को अपने बूते कभी बहुमत नहीं मिला

अखिलेश यादव ने शनिवार को घोषणा की थी कि उत्तर प्रदेश में 11 "मजबूत" लोकसभा सीटों के साथ कांग्रेस के साथ उनकी पार्टी का गठबंधन "अच्छी शुरुआत" है. इसके तुरंत बाद, कांग्रेस ने कहा कि पार्टी के वरिष्ठ नेता अशोक गहलोत और सपा प्रमुख यादव के बीच सीट बंटवारे पर रचनात्मक बातचीत चल रही है, लेकिन यह भी कहा कि अभी तक एक फॉर्मूले को अंतिम रूप नहीं दिया गया है.

नीतीश कुमार के इस्तीफे पर सपा प्रवक्ता ने कहा, ''ऐसा नहीं होना चाहिए था. हमारे नेता मुलायम सिंह यादव द्वारा दिखाए गए रास्ते पर चले हैं, जिन्होंने भाजपा को सत्ता हासिल करने से रोकने के लिए सब कुछ किया. कांग्रेस प्रवक्ता सुरेंद्र राजपूत ने कहा कि भाजपा और मीडिया का एक बड़ा वर्ग यह दिखाने की कोशिश कर रहा है कि इंडिया समूह टूटा हुआ और कमजोर है. उन्होंने कहा, "आने वाले दिनों में आप देखेंगे कि बिहार में जो कुछ भी हो रहा है, उसके बावजूद इंडिया गुट मजबूत हो रहा है."

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