लोकसभा चुनाव 2019: क्या EC ने दिया प्रवासी भारतीयों को ऑनलाइन वोटिंग का अधिकार? जानें पूरी सच्चाई
निर्वाचन आयोग द्वारा लोकसभा चुनाव की तारीखों की घोषणा करने के बाद देशभर में सियासत गर्मा गई है. तमाम राजनीतिक दल और नेता जीत पक्की करने के लिए पूरे दमखम के साथ वोटरों को अपने पाले में करने के लिए जुटे हुए है. इस बीच सोशल मीडिया का भी प्रचार-प्रसार के लिए जमकर इस्तेमाल किया जा रहा है.
नई दिल्ली: निर्वाचन आयोग द्वारा लोकसभा चुनाव की तारीखों की घोषणा करने के बाद देशभर में सियासत गर्मा गई है. तमाम राजनीतिक दल और नेता जीत पक्की करने के लिए पूरे दमखम के साथ वोटरों को अपने पाले में करने के लिए जुटे हुए है. इस बीच सोशल मीडिया का भी प्रचार-प्रसार के लिए जमकर इस्तेमाल किया जा रहा है. इस दौरान कुछ ऐसी चीजे भी लोगों के मध्य पहुंच रही है जो कि पूरी तरह से गलत और भ्रमित करनेवाली है.
सोशल मीडिया पर एक ऐसा ही झूठा मैसेज वायरल हो रहा है जिसमें देश के बाहर रहनेवाले प्रवासी भारतीयों (NRI) को ऑनलाइन वोटिंग करने की छूट मिलने का दावा किया गया है. मैसेज में कहा गया है कि चुनाव आयोग के मुताबिक आगामी लोकसभा चुनाव में गैर-निवासी भारतीय (एनआरआई) ऑनलाइन वोटिंग कर सकते है. साथ ही मैसेज में इसे अधिक से अधिक लोगों तक पहुचाने की भी बात कही गई है.
उधर, चुनाव आयोग ने ऑनलाइन वोटिंग को लेकर बयान जारी किया है. चुनाव आयोग ने कहा है कि भारत ई-वोटिंग का समर्थन नहीं करता है और मतदाताओं को अपने मतदान के अधिकार का प्रयोग करने के लिए मतदान केंद्र पर जाना पड़ता है. इसके साथ ही चुनाव आयोग स्पष्ट किया कि एनआरआई मतदाता ऑनलाइन वोट नहीं डाल सकते हैं. इसने साथ ही दिल्ली पुलिस के पास फर्जी खबर फैलाने वालों को पकड़ने के लिए शिकायत भी दर्ज करवाई है.
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लोकसभा चुनाव में किसी भी गड़बड़ी को रोकने के लिए निर्वाचन आयोग ने अबकी बार कई महत्वपूर्ण चीजों में बदलाव किया है. इस बार सभी उम्मीदवारों को सोशल मीडिया अकाउंट की जानकारी चुनाव आयोग को देनी पड़ेगी. साथ ही सोशल मीडिया पर प्रचार का खर्च भी चुनाव खर्च में होगा शामिल. सोशल मीडिया पर नियमों का उल्लंघन होने पर कड़ी कार्रवाई की जाएगी.