नई दिल्ली, 20 नवंबर : केंद्रीय जांच ब्यूरो (सीबीआई) ने 22 हजार करोड़ रुपये के ऋण धोखाधड़ी मामले में एबीजी शिपयार्ड और इसके सीएमडी और अन्य अधिकारियों सहित 24 अन्य के खिलाफ चार्जशीट दायर की है. मामले में अपनी पहली चार्जशीट में एजेंसी ने उल्लेख किया है कि आरोपियों ने देश भर में पैसे से अचल संपत्ति खरीदी. सीबीआई ने अपनी जांच में विभिन्न माध्यमों से किए गए 5000 करोड़ रुपये के लेन-देन को स्थापित किया है. एजेंसी ने 7 फरवरी को एबीजी शिपयार्ड, उसके सीएमडी ऋषि कमलेश अग्रवाल, सीएफओ धनंजय दातार कॉरपोरेट गारंटर और अज्ञात व्यक्तियों के खिलाफ मामला दर्ज किया था. शिकायतकर्ता स्टेट बैंक ऑफ इंडिया ने अपनी शिकायत में आरोप लगाया था कि आरोपी ने आईसीआईसीआई बैंक के नेतृत्व में 28 बैंकों के कंसोर्टियम को धोखा दिया, जिससे 22,842 करोड़ रुपये की धोखाधड़ी हुई.
सीबीआई ने उल्लेख किया है कि अभियुक्तों द्वारा कथित रूप से बड़ी रकम अपने से संबंधित पक्षों को हस्तांतरित की और बाद में समायोजन प्रविष्टियां की गईं. बैंक ऋणों को डायवर्ट कर इसको विदेशी सहायक कंपनी में निवेश किया गया. यह भी आरोप लगाया गया था कि बैंकों से धन को संबंधित पक्षों के नाम बड़ी संपत्ति की खरीद के लिए डायवर्ट किया गया था. इससे पहले 12 फरवरी को लगभग 13 स्थानों पर तलाशी ली गई थी. इस दौरान ऋण लेने वाली कंपनी के खातों की पुस्तकों, खरीद, बिक्री विवरण, शेयर रजिस्टर, विभिन्न अनुबंध फाइलों आदि सहित कई आपत्तिजनक दस्तावेजों की बरामदगी हुई थी. यह भी पढ़ें : Bihar: लापरवाही बनी काल! एक बाइक पर सवार थे 6 लोग, बोलेरो ने कुचला, बच्चे की मौत
विभिन्न स्थानों पर की गई जांच के दौरान उक्त निजी कंपनी के अधिकारियों, बैंक अधिकारियों सहित कई गवाहों का परीक्षण किया गया. सीबीआई ने 21 सितंबर को तत्कालीन प्रमोटर और अध्यक्ष को गिरफ्तार किया. जांच के दौरान पाया गया कि आरोपी ने दूसरों के साथ मिलकर साजिश रची और अपने कर्मचारियों की मदद से देश के भीतर और बाहर कई संस्थाओं को शामिल किया और बैंक फंड को डायवर्ट करते रहे. जांच के दौरान पता चला कि अभियुक्तों ने धोखे से उक्त निजी कंपनी के बैंक/बिजनेस फंड की बड़ी राशि और बड़ी संख्या में आलीशान फ्लैट, बहुमंजिला इमारतें और जमीनें खरीदीं.
सीबीआई ने कहा है कि उनकी जांच में एबीजी शिपयार्ड द्वारा सिंगापुर स्थित अपनी तीन अपतटीय समूह संस्थाओं के साथ धोखाधड़ी से 2010-2013 के बीच जारी की गई कई बैंक गारंटी प्राप्त करने का खुलासा हुआ है. इसके परिणामस्वरूप बैंकों को नुकसान हुआ है. सीबीआई ने अपनी चार्जशीट में उल्लेख किया है कि एबीजी शिपयाड ने कथित रूप से सिंगापुर की एक अन्य फर्म के पक्ष में लेटर ऑफ क्रेडिट स्थापित करके सार्वजनिक धन की हेराफेरी की. जांच में कंपनियों के वेब के निर्माण के माध्यम से डायवर्जन भी पाया गया है, जिसका एक हिस्सा इस्तेमाल किया गया था. मुंबई में चार फ्लैट, एक आवासीय टॉवर, जिसमें 14 फ्लैट हैं और सूरत में लगभग 5-6 एकड़ की व्यावसायिक भूमि की खरीदारी की.