Tunnel Rescue: जिंदा रहने के लिए चट्टानों से टपकता पानी चाटा और मुरमुरे खाए, सुरंग से बाहर आए मजदूर ने सुनाई आपबीती
उत्तरकाशी में 17 दिन से फंसे 41 मजदूरों को सुरंग से सुरक्षित बाहर निकाल लिया गया. श्रमिक अनिल बेदिया ने बताया कि उन लोगों ने अपनी प्यास बुझाने के लिए चट्टानों से टपकते पानी को चाटा और शुरूआती कुछ दिन मुरमुरे खाकर गुजारे.
Uttarkashi Tunnel Rescue-रांची, 29 नवंबर: उत्तरकाशी में 17 दिन से फंसे 41 मजदूरों को सुरंग से सुरक्षित बाहर निकाल लिया गया. इन श्रमिकों में से एक श्रमिक अनिल बेदिया ने बताया कि हादसे के बाद उन लोगों ने अपनी प्यास बुझाने के लिए चट्टानों से टपकते पानी को चाटा और शुरूआती कुछ दिन मुरमुरे खाकर गुजारे.
झारखंड के 22 वर्षीय श्रमिक अनिल बेदिया ने बताया कि उन्होंने 12 नवंबर को सुरंग का हिस्सा ढहने के बाद मौत को बहुत करीब से देखा. बेदिया सहित 41 श्रमिक मलबा ढहने के बाद 12 नवंबर से सुरंग में फंसे थे. Uttarkashi Tunnel: जिस टनल में फंसे थे मजदूर उसका निर्माण कार्य जारी रहेगा या रुक जाएगा? केंद्रीय मंत्री VK सिंह ने दिया जवाब
उन्होंने बुधवार को 'पीटीआई-' से फोन पर बातचीत में अपनी कहानी साझा की. बेदिया ने कहा, “मलबा ढहने के बाद तेज चीखों से पूरा इलाका गूंज गया.. हम सब ने सोचा कि हम सुरंग के भीतर ही दफन हो जाएंगे. शुरूआती कुछ दिनों में हमने सारी उम्मीदें खो दी थीं.”
मंगलवार को एनडीआरएफ और एसडीआरएफ के जवानों ने टनल में फंसे सभी 41मजदूरों को सुरक्षित बाहर निकाल लिया, जिसके बाद सभी मजदूरों को तुरंत चिन्यालीसौड़ सामुदायिक स्वास्थ्य केंद्र में भर्ती किया गया. डॉक्टर श्रमिकों के स्वास्थ्य की पल-पल की अपडेट ले रहे थे. इसके साथ मनोवैज्ञानिक भी चिन्यालीसौड़ सामुदायिक स्वास्थ्य केंद्र में 17 दिन से टनल में फंसे इन मजदूरों की मेंटल हेल्थ को नॉर्मल करने की कोशिश में लगे हुए थे. सभी मजदूर स्वस्थ थे. लेकिन, टनल के अंदर सीलन वाली जगह, अंधेरा और बाकी दुनिया से 17 दिन से कटे रहने के कारण उन्हें शारीरिक और मानसिक चेकअप की जरूरत थी.
सभी मजदूरों को ऋषिकेश एम्स एयरलिफ्ट किया गया है. सभी मजदूरों को मेडिकल प्रोटोकॉल के तहत एम्स ऋषिकेश ले जाया गया है. ऋषिकेश एम्स में मजदूरों के स्वास्थ्य की सघन जांच हो रही है। जिसके बाद सभी मजदूरों को उनके घर भेजा जाएगा. बता दें कि सिलक्यारा टनल रेस्क्यू ऑपरेशन सक्सेस हो चुका है. इसके बाद अब प्राथमिकता के साथ ही सभी मजदूरों के स्वास्थ्य की जांच चल रही है। उनकी परिजनों से भी बात कराई जा रही है.