CJI रंजन गोगोई ने वकीलों की कम संख्या पर जताई चिंता, कैदी युवकों को लेकर भी कही यह बड़ी बात
सुप्रीम कोर्ट के नए चीफ जस्टिस ने देश में वकीलों की संख्या पर चिंता जताई है. रंजन गोगोई ने एक कार्यक्रम में पूछा कि भारत में वकीलों की जनसंख्या कितनी है. इसका जवाब देते हुए उन्होंने खुद ही कहा कि देश में करीब 13 से 14 लाख वकील होंगे जो कि ज्यादा नहीं है.
नई दिल्ली: सुप्रीम कोर्ट के नए चीफ जस्टिस ने देश में वकीलों की संख्या पर चिंता जताई है. रंजन गोगोई ने एक कार्यक्रम में पूछा कि भारत में वकीलों की जनसंख्या कितनी है. इसका जवाब देते हुए उन्होंने खुद ही कहा कि देश में करीब 13 से 14 लाख वकील होंगे जो कि ज्यादा नहीं है. यूएस में हर 200 व्यक्तियों के लिए 1 वकील है जबिक भारत में 1800 लोगों के लिए 1 वकील है. भारत में वकीलों की जनसंख्या को बढ़ाना होगा.
उन्होंने कहा कि कानूनी सहायता एक बड़ा विषय है. भारत में 67 फीसदी कैदी विचाराधीन हैं. इन विचाराधीन कैदियों में से 47 फीसदी 18 से 30 वर्ष की उम्र तक के हैं जिसका मतलब है कि युवकों की एक बड़ी संख्या विचाराधीन कैदियों के अंदर आती है. कानूनी सहायता देने वाले वकीलों की गुणवत्ता में भी सुधार की जरूरत है.
जस्टिस रंजन गोगोई ने बुधवार को सुप्रीम कोर्ट के चीफ जस्टिस के तौर पर शपथ ले ली. वे देश के 46वें चीफ जस्टिस हैं जिन्होंने जस्टिस दीपक मिश्रा के बाद यह कार्यभार संभाला है, जस्टिस मिश्रा का कार्यकाल 02 अक्टूबर को समाप्त हो गया था. जस्टिस गोगोई पूर्वोत्तर भारत से सुप्रीम कोर्ट के चीफ जस्टिस बनने वाले पहले न्यायमूर्ति हैं. यह भी पढ़ें- गुजरात: गिर में 23 शेरों की मौत पर अहमद पटेल ने पीएम मोदी को लिखा पत्र, राज्य सरकार पर लगाया कुप्रबंधन का आरोप
मैं जो हूं वैसा ही रहूंगा
इससे पहले एक कार्यक्रम में नए चीफ जस्टिस रंजन गोगोई ने कहा था- मैं बहुत सख्त हूं, 'मैं जो हूं वैसा ही रहूंगा और मैं खुद को बदलने वाला नहीं हूं.' उन्होंने अपनी योजना बताई कि कैसे वह न्यायिक प्रक्रिया में सुधार लाएंगे और रिक्त स्थानों को भरेंगे खासतौर से निचली अदालतों को. नए मुख्य न्यायाधीश ने यह साफ कर दिया है कि वह मामलों और न्यायिक प्रशासन से निपटने के लिए आगे भी 'सख्त और आदर्शवादी' बने रहेंगे.