मुंबई: समीर वानखेड़े (Sameer Wankhede) के धर्म को लेकर विवाद के बीच वंचित बहुजन आघाड़ी (वीबीए) के नेता प्रकाश आंबेडकर (Prakash Ambedkar) ने शनिवार को कहा कि कानून मुंबई स्वापक नियंत्रण ब्यूरो (एनसीबी) प्रमुख के पक्ष में है.महाराष्ट्र के मंत्री नवाब मलिक ने वानखेड़े पर अपना ‘‘वास्तविक धर्म-इस्लाम’’ को छिपाने और फर्जी जाति प्रमाण पत्र के जरिए केंद्र सरकार की नौकरी हासिल करने का आरोप लगाया है.मलिक ने आरोप लगाया कि आईआरएस अधिकारी समीर वानखेड़े जन्म से मुस्लिम हैं, लेकिन उन्होंने आरक्षित श्रेणी के तहत नौकरी पाने के लिए अपने जाति प्रमाण पत्र में फर्जीवाड़ा किया है. एनसीबी के मुंबई जोन के निदेशक वानखेड़े ने मलिक के आरोपों से इनकार किया है. Maharashtra: एनसीबी के जोनल डायरेक्टर समीर वानखेड़े पुलिस कमिश्नर हेमंत नागराले से मिलने उनके ऑफिस पहुंचे
आंबेडकर ने कहा, ‘‘मेरी जानकारी में कानून समीर वानखेड़े के पक्ष में है। ऐसे ही एक मामले में उच्चतम न्यायालय ने केरल के एक व्यक्ति के पक्ष में फैसला सुनाया था, जो अपने माता-पिता के धर्म- ईसाई धर्म से खुद को अलग करना चाहता था. 25 फरवरी, 2015 को उच्चतम न्यायालय ने जिस मामले में अपना फैसला सुनाया वह समीर वानखेड़े के मामले के समान है. याचिकाकर्ता के माता-पिता ने उसके जन्म से पहले ईसाई धर्म स्वीकार कर लिया था. लेकिन वयस्क होने के बाद उसने एक याचिका दायर कर कहा कि वह अपने दादा-दादी के धर्म से जुड़ना चाहता है, जो गैर-ईसाई हैं. ’’
आंबेडकर ने कहा कि उच्चतम न्यायालय ने उसकी याचिका को बरकरार रखा और फैसला सुनाया कि चूंकि याचिकाकर्ता अब वयस्क है, इसलिए वह खुद को अपने दादा-दादी के धर्म से जोड़ सकता है. उन्होंने कहा, ‘‘मुझे लगता है कि कानूनी रूप से वानखेड़े स्पष्ट हैं और कानून उनके पक्ष में है.’’तीन विवादास्पद कृषि कानूनों को निरस्त करने की प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी की घोषणा पर आंबेडकर ने कहा कि इस संबंध में उच्चतम न्यायालय में एक मामला लंबित है, जिसमें याचिकाकर्ताओं ने दलील दी है कि कृषि राज्य का विषय है.
(यह सिंडिकेटेड न्यूज़ फीड से अनएडिटेड और ऑटो-जेनरेटेड स्टोरी है, ऐसी संभावना है कि लेटेस्टली स्टाफ द्वारा इसमें कोई बदलाव या एडिट नहीं किया गया है)