रांची, 9 अगस्त: ईडी ने झारखंड हाईकोर्ट में हलफनामा दायर कर कहा है कि वह हजारीबाग में एनटीपीसी (नेशनल थर्मल पावर कॉरपोरेशन) प्रोजेक्ट के लिए जमीन अधिग्रहण में घोटाले की जांच कर सकती है हाईकोर्ट ने इस संबंध में एक जनहित याचिका की सुनवाई करते हुए ईडी, सीबीआई और राज्य सरकार से जवाब मांगा था. यह भी पढ़े: Jharkhand: टंडवा में एनटीपीसी प्लांट के बाहर पुलिस और ग्रामीणों में टकराव, एक दर्जन गाड़ियां फूंकीं, 27 घायल, घटना पर विधानसभा में भी हंगामा
ईडी ने माना है कि प्रारंभिक साक्ष्य के आधार पर यह मनीलॉन्ड्रिंग का मामला प्रतीत होता है और इसकी जांच शुरू की जा सकती है सनद रहे कि एनटीपीसी के भूमि मुआवजा घोटाले की जांच के लिए रिटायर्ड आईएएस देबाशीष गुप्ता की अध्यक्षता में विशेष जांच दल (एसआईटी) का गठन किया गया था इसके सदस्यों में एक सेवानिवृत्त जिला और सत्र न्यायाधीश और सेवानिवृत्त संयुक्त सचिव शामिल थे.
टीम की रिपोर्ट में करीब तीन हजार करोड़ के मुआवजा घोटाले की आशंका जताई गई थी हाईकोर्ट में इस संबंध में मंटू सोनी नामक एक शख्स ने जनहित याचिका दायर की है याचिका में कहा गया है कि एसआईटी ने राज्य सरकार को सौंपी अपनी रिपोर्ट में 3000 करोड़ के भूमि मुआवजा घोटाला की आशंका जताई थी टीम ने रिपोर्ट में सरकारी अधिकारी, कर्मियों और एनटीपीसी के अधिकारियों पर कार्रवाई करते हुए उच्चस्तरीय जांच की अनुशंसा की थी.
रिपोर्ट में बताया गया था कि बड़े पैमाने पर फर्जी जमाबंदी कर मुआवजे बांटे गये इस गड़बड़ी में बड़े अधिकारियों की संलिप्तता हो सकती है इस रिपोर्ट के आधार पर भूमि राजस्व निबंधन एवं भूमि सुधार विभाग ने एनटीपीसी के अध्यक्ष सह प्रबंध निदेशक और हजारीबाग उपायुक्त को पत्र लिखकर दोषी अधिकारियों को चिन्हित कर कार्रवाई करने को कहा था, लेकिन अब तक कोई कार्रवाई की नहीं की गई है.