Ladki Bahin Yojana: लाडकी बहीण योजना से बोझ तो पड़ता है, लेकिन जनता का हित सर्वोपरि; संजय गायकवाड

शिवसेना (शिंदे गुट) के विधायक संजय गायकवाड ने कहा कि 'लाडकी बहीण योजना' जैसी जनकल्याणकारी योजनाओं से सरकार के खजाने पर भले ही बोझ पड़ता हो, लेकिन यह बोझ जनता के हित के लिए जरूरी है. उन्होंने कहा कि ऐसी योजनाएं महिलाओं को आर्थिक रूप से सशक्त बनाती हैं और सरकार की जिम्मेदारी है कि वह जरूरतमंदों के लिए काम करे.

बुलढाणा, 16 अक्टूबर : शिवसेना (शिंदे गुट) के विधायक संजय गायकवाड (Sanjay Gaikwad) ने कहा कि 'लाडकी बहीण योजना' जैसी जनकल्याणकारी योजनाओं से सरकार के खजाने पर भले ही बोझ पड़ता हो, लेकिन यह बोझ जनता के हित के लिए जरूरी है. उन्होंने कहा कि ऐसी योजनाएं महिलाओं को आर्थिक रूप से सशक्त बनाती हैं और सरकार की जिम्मेदारी है कि वह जरूरतमंदों के लिए काम करे. संजय गायकवाड ने कहा, "यह सर्वविदित है कि चाहे लाडकी बहीण योजना हो या कोई अन्य योजना, जब राज्य में कोई नई नीति या आकस्मिक निधि बनाई जाती है, तो स्वाभाविक रूप से सरकार के खजाने पर कुछ दबाव पड़ता है. लेकिन यह बोझ जनता के कल्याण के लिए है, इसलिए इसे बोझ नहीं बल्कि निवेश कहा जाना चाहिए."

उन्होंने शिवसेना (उद्धव गुट) और सामना अखबार पर निशाना साधते हुए कहा कि राज्य सरकार ने किसानों के लिए जो 31,608 करोड़ रुपए की सहायता राशि स्वीकृत की है, वह किसानों तक निश्चित रूप से पहुंचेगी. उन्होंने सवाल उठाया कि संजय राउत और उनकी पार्टी ने किसानों के लिए अब तक क्या किया? विधायक गायकवाड ने कहा, "आज किसान गंभीर संकट में हैं. इस समय एक-दूसरे पर आरोप लगाने की बजाय यह जरूरी है कि दिवाली तक सहायता राशि हर किसान तक पहुंचाई जाए. मुख्यमंत्री देवेंद्र फडणवीस और डिप्टी सीएम एकनाथ शिंदे किसानों के साथ खड़े हैं और सरकार उनके हर नुकसान की भरपाई के लिए प्रतिबद्ध है." यह भी पढ़ें : मुंबई में ट्रांसजेंडर आध्यात्मिक ‘गुरु मां’ ज्योति गिरफ्तार, बांग्लादेशी नागरिक होने के बावजूद फर्जी पहचान से 30 साल से भारत में रह रहीं थीं

इस दौरान उन्होंने राज्य में मतदाता सूचियों की अव्यवस्था पर भी प्रतिक्रिया दी. उन्होंने कहा कि महाविकास आघाड़ी की यह मांग कि मतदाता सूची में भ्रम दूर होने तक चुनाव टाल दिए जाएं, बिल्कुल अनुचित है. गायकवाड ने कहा, "यह सही है कि कई नवविवाहित युवक-युवतियों के नाम मतदाता सूची में नहीं हैं, वहीं 15 साल पहले मर चुके लोगों के नाम अब भी सूची में बने हुए हैं. बुलढाणा शहर में करीब 4,000 दोहरे नाम हैं. कई परिवारों के नाम चार-चार वार्डों में दर्ज हैं और एक व्यक्ति का नाम अलग-अलग जगहों पर पाया जा रहा है. लेकिन यह समस्या चुनाव टालने का कारण नहीं बन सकती." उन्होंने कहा कि यदि चुनाव आयोग चाहे, तो 28 तारीख तक मृतकों और फर्जी नामों को सूची से हटाया जा सकता है.

उन्होंने कहा, "एक अधिकारी यहां आता है, उसका नाम मतदाता सूची में दर्ज होता है, फिर उसका ट्रांसफर हो जाता है, लेकिन उसका नाम वहीं रह जाता है. इसलिए यह सूची जरूरत से ज्यादा बढ़ा-चढ़ाकर कर बनाई गई लगती है." विधायक संजय गायकवाड ने स्पष्ट किया कि राज्य सरकार जनहित की योजनाओं पर खर्च से पीछे नहीं हटेगी और किसानों तथा गरीबों के कल्याण के लिए हर संभव कदम उठाएगी.

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