लद्दाख के लोगों के लिए बड़ी राहत, एक साल में बदल गई वहां की तस्वीर, 24 घंटे मिल रही बिजली
केंद्र शासित प्रदेश बनने के बाद लद्दाख में बिजली की सप्लाई 24 घंटे हो गई है. लद्दाख की उर्जा सप्लाई में दिन रात का फर्क आ गया है. अब लोगों को लंबे-लंबे पावर कट से नहीं जूझना पड़ेगा क्योंकि नॉर्दन पावर ग्रिड से जुड़ा हुआ अल्ची स्थित निम्मो बाजगो पावर स्टेशन लद्दाख वासियों को बेहतर सेवा दे रहा है
केंद्र शासित प्रदेश बनने के बाद लद्दाख (ladakh) में बिजली की सप्लाई 24 घंटे हो गई है. लद्दाख की उर्जा सप्लाई में दिन रात का फर्क आ गया है. अब लोगों को लंबे-लंबे पावर कट से नहीं जूझना पड़ेगा क्योंकि नॉर्दन पावर ग्रिड (Northern Powergrid) से जुड़ा हुआ अल्ची स्थित निम्मो बाजगो पावर स्टेशन लद्दाख वासियों को बेहतर सेवा दे रहा है. यहां उत्पादन होने वाली बिजली अब सीधे फयांग सब स्टेशन में पहुंच रही है. बता दें इस पावर स्टेशन को पिछले साल प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी (PM Narendra Modi) ने राष्ट्र को समर्पित किया था.
45 मेगावाट है इस पावर प्लांट की क्षमता
अल्ची स्थित निम्मो बाजगो पावर स्टेशन सिंधु नदी पर बना हुआ है.यह के उफनते पानी से बिजली का उत्पादन करता है. 57 मीटर ऊंचा और 248 मीटर लंबे कंक्रीट बांध पर बने इस प्लांट की क्षमता 45 मेगावाट है। निम्मो बाजगो पावर स्टेशन में 15 मेगावाट की तीन मशीनें लगाई गई हैं. यह भी पढ़े: लद्दाख में विशेषज्ञ डॉक्टरों की सुविधा पहुंचाने के लिए शुरू की गई सचल चिकित्सा इकाई
इस पावर स्टेशन की बदौलत बीती सर्दियों में भी किसी तरह की बिजली की दिक्कत नहीं हुई थी। तब से अब तक इस पावर स्टेशन ने लद्दाख की पावर सप्लाई को 24 घंटे बरकरार रखा है. इस पावर स्टेशन की सबसे खास बात ये है कि यहां से भारत के सीमावर्ती इलाके पेंगॉन्ग तक बिजली सप्लाई की जा रही है.
पावर प्लांट चलाने में महिला शक्ति का भी योगदान
सिर्फ इतना ही नहीं दुर्गम इलाकों में इस पावर प्लांट को चलाने में महिला शक्ति की मदद भी काफी अहम है. ये प्लांट 24 घंटे बिना ब्रेक के काम कर रहा है। इस पावर स्टेशन में बिजली बनाने के बाद उसे फंयाग सब स्टेशन ट्रांसमीट कर दिया जाता है. यह सब स्टेशन गैस इंसुलेटेड कोरियन तकनीक से बना है.
पीजीसीआईएल के चीफ मैनेजर बताते हैं कि यह सब स्टेशन श्रीनगर-लेह ट्रांसमिशन का पार्ट है जिसमें फयांग है। इसके पीछे खल्ची सब स्टेशन है, उसके आगे कारगिल है और फिर द्रास है. ये चारों सब स्टेशन श्रीनगर-लेह ट्रांसमिशन का पार्ट है. ये सब स्टेशन लेह और उसके आसपास के इलाकों में बिजली सप्लाई करते हैं.ये अल्ची सब स्टेशन के साथ कनेक्टेड है जो हमारा एनएचपीसी का जेनेटिक प्लांट है. वहां से जो पावर आ रही है उसे हम लेह सिटी और उसके आसपास के इलाकों को फीड करते हैं.
दूर-दराज के इलाकों में लोगों की जिंदगी हुई रोशन
फयांग सब स्टेशन से बिजली लद्दाख के सभी हिस्सों में पहुंचाई जाती है। सब स्टेशन बन जाने से गुज़री सर्दियां यहां के गांव वालों के लिए बहुत सुकून भरी रही। इससे पहले लद्दाख में 3-4 घंटे बिजली आती थी। जब से एनएचपीसी का नया सब स्टेशन निम्मो बाजगो बना तब से लोगों की बिजली की समस्या दूर हो गई। पहले बच्चों को रात को पढ़ने में समस्या होती थी लेकिन अब यह समस्या दूर हो गई है.बिजली से रौशन हुए लद्दाख का भविष्य भी अब उज्जवल नजर आता है.
इससे पहले लद्दाख की बिजली की एक बड़ी समस्या रहती थी लेकिन अब इस पहल से लोगों को 24 घंटे बिजली मिलेगी। जिस इलाके में माइनस 40 डिग्री तक तापमान चला जाता है वहां बिजली कितनी बड़ी जरूरत बन जाती है इसकी कल्पना कर पाना भी मुश्किल है.