कुंभ 2019: पहले शाही स्नान में 2 करोड़ श्रद्धालुओं ने लगाई आस्था की डुबकी, भक्ति से सराबोर हुआ प्रयागराज

संगमनगरी प्रयागराज में पहेल शाही स्नान के साथ ही कुंभ मेले का शुभारंभ हुआ. कुंभ मेले में मकर संक्रांति के प्रथम शाही स्नान पर देश-दुनिया के करीब दो करोड़ श्रद्धालुओं ने संगम तट पर आस्था की डुबकी लगाई.

पहला शाही स्नान खत्म (Photo Credits: IANS)

Kumbh 2019: संगमनगरी प्रयागराज में पहेल शाही स्नान के साथ ही कुंभ मेले का शुभारंभ हुआ. कुंभ मेले में मकर संक्रांति के प्रथम शाही स्नान पर देश-दुनिया के करीब सवा दो करोड़ श्रद्धालुओं ने संगम तट पर आस्था की डुबकी लगाई. मंगलवार को करीब 13 अखाड़े शाही स्नान शामिल हुए. पंचायती अखाड़ा महानिवार्णी ने सबसे पहले डुबकी लगाई.

मध्य रात्रि के बाद से ही देश और विदेश से मेले के लिए आए श्रद्धालु स्नान घाटों की ओर बढ़ने लगे थे. इस दौरान लोग भजन गा रहे हैं और मंत्रों का उच्चारण कर रहे थे. जिससे पूरा शहर भक्ति से सराबोर हो गया. ऐसी मान्यता है कि पहला 'शाही स्नान' स्वर्ग का दरवाजा खोलता है. इसकी शुरुआत मंगलवार को सुबह 5.30 बजे हुई जो कि शाम 4.30 बजे खत्म हुई. हालांकि संगम के तटों पर बने 35 स्नान घाटों पर रात 2 बजे से ही डुबकी लगनी शुरू हो गई थी.

शाही स्नान के लिए सबसे पहले संगम तट पर श्री पंचायती अखाड़ा महानिवार्णी का जुलूस पहुंचा. इस अखाड़े के देव भगवान कपिल देव तथा नागा संन्यासियों ने अखाड़े की अगुवाई की. परंपरा के मुताबिक सबसे पहले पंचायती अखाड़े के भालादेव ने स्नान किया. उसके बाद नागा साधुओं ने फिर आचार्य महामंडलेश्वर और साधु-संतों ने स्नान किया. श्री पंचायती अखाड़ा महानिवार्णी के बाद अटल अखाड़े के संतों ने शाही स्नान किया.

इस धार्मिक-आध्यामिक-सांस्कृतिक मेले में 6 शाही स्नान हैं. यह मेला 15 जनवरी से चार मार्च तक चलेगा. इस दौरान देश-विदेश के करीब 15 करोड़ श्रद्धालु संगम में आस्था की डुबकी लगाते हुए पुण्य कमाएंगे. श्रद्धालुओं के लिए गंगा नदी के किनारे 3,200 एकड़ क्षेत्र में छोटा शहर बसाया गया है. इसके अलावा कुंभ मेला के दौरान 500 से अधिक सांस्कृतिक कार्यक्रमों का आयोजन किया जाएगा.

प्रशासन ने भीड़ को देखते हुए सुरक्षा के कड़े इंतजाम किए हैं. अर्धसैनिक और पुलिस बलों की तैनाती की गई है, साथ ही संगम की तरफ का यातायात 3,000 पुलिसकर्मी संभालेंगे. पहली बार कुंभ मेले में तीन महिला यूनिट्स की तैनाती की गई है, जो महिला श्रद्धालुओं को देखते हुए की गई है. साथ ही विदेशी हेल्प डेस्क भी बनाया गया है जो 24 घंटे काम करेगा.

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