कुंभ 2019: नित्यानंद को बुलाने को लेकर क्यों पशोपेश में है अखाड़ा, क्या है विवाद?
साल 2013 के पिछले कुंभ में नित्यानंद को कुंभ में जमीन व दूसरी सुविधाएं मिली हुई थीं
उत्तर प्रदेश के प्रयागराज (Prayagraj) में होने वाले कुंभ मेले (Kumbh Mela) में स्वामी नित्यानंद (Nithyananda) को बुलाने को लेकर अखाड़ा पशोपेश में है. दरअसल, कुंभ मेला प्रशासन ने स्वामी नित्यानंद को जमीन और सुविधाएं देने से इनकार कर दिया है. यह फैसला गुप्त जांच रिपोर्ट के सामने आने के बाद लिया गया है. प्रशासन के इस फैसले के बाद से अखाड़ा दुविधा में है कि स्वामी को कुंभ में बुलाया जाए या नहीं. सरकारी अमले के इस फरमान पर सवाल उठाते हुए अखाड़े महानिर्वाणी ने नाराजगी जताई है. अखाड़ा परिषद ने भी प्रशासन के इस निर्णय पर अपनी नाराजगी जताई है लेकिन कुछ भी बोलने से मना कर दिया है. साल 2013 के पिछले कुंभ में महामंडलेश्वर बनने वाले नित्यानंद को कुंभ में जमीन व दूसरी सुविधाएं मिली हुई थीं. लेकिन इस बार कुंभ मेला प्रशासन ने उन्हें कोई भी सरकारी सुविधा देने से साफ इनकार कर दिया है.
स्वामी नित्यानंद को लेकर क्या है विवाद
बेंगलुरु के संत स्वामी नित्यानंद महानिर्वाणी अखाड़े में महामंडलेश्वर हैं. पुलिस दो बार नित्यानंद को पकड़ कर जेल भेज चुकी है. पुलिस उनके आश्रम पर छापे भी डाल चुकी है. आश्रम में 2010 में एक महिला शिष्या के साथ दुष्कर्म के मामले में पुलिस चार्जशीट भी लगा चुकी है. यह भी पढ़ें- 2019 के लिए BJP ने बदली रणनीति, वाराणसी नहीं इस सीट से लोकसभा चुनाव लड़ेंगे पीएम मोदी!
अफसरों की मानें तो जिनके खिलाफ गंभीर मामलों के मुकदमे हैं, उन्हें इस बार कोई भी सरकारी सुविधा नहीं दिए जाने का कड़ा फैसला लिया गया है. नित्यानंद भी इसी श्रेणी में आते हैं. इसलिए कुंभ प्रशासन ने उन्हें ब्लैक लिस्ट कर दिया है. स्वामी नित्यानंद सरस्वती का भूमि आवंटन इस आधार पर खारिज किया गया है क्योंकि उन पर न्यायालय में वाद विचाराधीन है.
एजेंसी इनपुट