चंडीगढ़: पंजाब (Punjab) के पांच बार के मुख्यमंत्री और शिरोमणि अकाली दल (SAD) के नेता प्रकाश सिंह बादल (Parkash Singh Badal) 2015 के कोटकपूरा पुलिस फायरिंग मामले (Kotkapura Police Firing Case) की जांच कर रहे विशेष जांच दल (SIT) के समक्ष 22 जून को अपने आवास पर पेश होंगे. इससे पहले, बादल ने खराब स्वास्थ्य (Health) और उम्र का हवाला देते हुए 16 जून को पैनल के सामने पेश होने में असमर्थता जताई थी. SAD-BSP Alliance In Punjab: पंजाब में शिरोमणि अकाली दल के साथ गठबंधन पर बोलीं BSP प्रमुख मायावती, यह एक नई राजनीतिक व सामाजिक पहल है
शिअद अध्यक्ष सुखबीर सिंह बादल के प्रधान सलाहकार हरचरण बैंस के हवाले से एक बयान में रविवार को कहा गया, "अभी भी अच्छे स्वास्थ्य में नहीं हैं. बादल देश के कानून का पालन करने वाले नागरिक के रूप में अपने कानूनी और संवैधानिक कर्तव्यों को पूरा करने के इच्छुक हैं."
पिछली सरकार द्वारा कोटकपूरा की घटनाओं से निपटने की जांच कर रही एसआईटी के समन के दो पन्नों के जवाब में बादल ने पिछले हफ्ते कहा, "जांच की पूरी प्रक्रिया पहले से ही खुले तौर पर और अप्रकाशित राजनीतिक हस्तक्षेप के माध्यम से समझौता किया गया है. कानून की निष्पक्ष प्रक्रिया का पालन करने के बारे में किसी भी विश्वास को प्रेरित करने के लिए यह राजनीतिक प्रतिशोध की बहुत दृढ़ता से प्रतिक्रिया करता है."
इसके बावजूद बादल ने कहा था कि वह जांच प्रक्रिया में पूरा सहयोग करेंगे. पूर्व मुख्यमंत्री ने यह भी बताया था कि वर्तमान एसआईटी की बहुत आवश्यकता पिछली एसआईटी द्वारा मामले के बेशर्मी से राजनीतिकरण से उत्पन्न हुई है.
इस संबंध में, बादल अपने खुले राजनीतिक आचरण के लिए पिछली एसआईटी के सदस्यों में से एक के खिलाफ भारी पड़ गए थे, जिसने कथित तौर पर पूरी जांच प्रक्रिया को खराब कर दिया था.
बादल ने कहा था, "सभी स्थापित प्रक्रियाओं और मानदंडों के लिए कठोर और अवमानना के साथ, इस अधिकारी ने एसआईटी के अध्यक्ष सहित अन्य सभी सदस्यों की पूरी कार्यप्रणाली और नामित भूमिका को पूरी तरह से हड़प लिया और खुद को विनियोजित किया और उन्हें पूरी तरह से बेमान बना दिया."
उस समय बादल पंजाब के मुख्यमंत्री थे, जब पुलिस ने 14 अक्टूबर, 2015 को कोटकपूरा में प्रदर्शनकारियों पर गोलियां चलाई थीं, जिसमें दो की मौत हो गई थी और अन्य घायल हो गए थे. एसआईटी को यह पता लगाना है कि गोली चलाने का आदेश किसने दिया, क्या पुलिस ने आत्मरक्षा में गोली चलाई और क्या मानक संचालन प्रक्रिया का पालन किया गया था.