Kolkata Rape-Murder Case: कोलकाता रेप-मर्डर केस में इंसाफ की मांग को लेकर दिल्ली के आरएमएल अस्पताल के डॉक्टर धरने पर
कोलकाता के आरजी कर मेडिकल कालेज में महिला डॉक्टर के साथ बलात्कार के बाद हत्या के मामले में दिल्ली के राम मनोहर लोहिया अस्पताल में डॉक्टर हड़ताल कर धरने पर बैठ गए हैं.
नई दिल्ली, 16 अगस्त : कोलकाता के आरजी कर मेडिकल कालेज में महिला डॉक्टर के साथ बलात्कार के बाद हत्या के मामले में दिल्ली के राम मनोहर लोहिया अस्पताल में डॉक्टर हड़ताल कर धरने पर बैठ गए हैं. उनकी मांग है कि आरजी कर मेडिकल कालेज में महिला डॉक्टर के दोषियों को जल्द गिरफ्तार करने के अलावा प्रोटेक्शन एक्ट के लिए सरकार से लिखित आश्वासन, पीड़ित परिवार को एक करोड़ का मुआवजा और अस्पतालों की हालत में सुधार होना चाहिए.
राम मनोहर लोहिया अस्पताल की डॉक्टर ज्योति ने आईएएनएस से बात करते हुए अपनी मांगें रखी. उन्होंने कहा, "हमारी पहली मांग यही है कि दोषी को त्वरित प्रभाव से गिरफ्तार किया जाए. साथ ही हम चाहते हैं कि 14 अगस्त को आरजी कर अस्पताल में जो तोड़फोड़ हुई थी, उसमें गिरफ्तारी हो. इसके अलावा प्रोटेक्शन एक्ट के लिए हमें सरकार से लिखित आश्वासन चाहिए. अगली मांग हमारी यह है कि पीड़ित परिवार को एक करोड़ का मुआवजा दिया जाय. बेकार प्रशासनिक व्यवस्था जैसे- सीसीटीवी का न होना, डार्क शेड वाले एरिया होने की वजह से हमारे इस अस्पताल में ड्यूटी करने वाले हर व्यक्ति को कभी न कभी असुरक्षित जरूर महसूस होता है." यह भी पढ़ें : देश की खबरें | बंगाल की खाड़ी के ऊपर निम्न दबाव क्षेत्र बनने से ओडिशा में बारिश
एमबीबीएस के तृतीय वर्ष के छात्र आदर्श मिश्रा ने कहा, "जब डॉक्टरों की सुरक्षा की बात आती है तो सरकार पीछे हट जाती है. पश्चिम बंगाल में इतना बड़ा कांड हो गया और वहां की सरकार सोती रही. इसके बाद वहां पर धरना दे रहे डॉक्टरों को गुंडों ने पीटा. राज्य में किसी व्यक्ति की सुरक्षा है ही नहीं. चौबीस घंटा लोगों की सेवा करने वाले डॉक्टरों की सुरक्षा के लिए कड़े नियम बनने चाहिए."
बता दें, महिला डॉक्टर के साथ हुई दरिंदगी और हत्या के बाद पश्चिम बंगाल में तनाव की स्थिति है. देश के अलग-अलग हिस्सों में डॉक्टर इस घटना को लेकर विरोध प्रदर्शन कर रहे हैं. गौरतलब है कि पिछले दिनों कोलकाता आरजी कर मेडिकल कॉलेज और हॉस्पिटल की महिला डॉक्टर रहस्यमय परिस्थितियों में मृत पाई गई थी. वह अस्पताल में स्नातकोत्तर द्वितीय वर्ष की मेडिकल छात्रा थी और चेस्ट मेडिसिन विभाग में हाउस स्टाफ के रूप में भी काम कर रही थीं. अस्पताल के कर्मचारियों ने अस्पताल की आपातकालीन बिल्डिंग की चौथी मंजिल पर उनका शव देखा था