कोलकाता में रविवार शाम को सीबीआई ऑफिस के बाहर हाई वोल्टेज ड्रामा चल रहा है. एक तरफ कोलकाता पुलिस की टीम तो दूसरी तरफ सीबीआई की टीम. कोलकाता पुलिस ने सीबीआईऑफिस को अपने कब्जे में ले लिया है. पुलिस कमिश्नर राजीव कुमार के निवास के बाहर दोनों तरफ के अधिकारियों के बीच हाथापाई शुरू हुई. शुरुआती रिपोर्ट के मुताबिक, रोज वैली और शारदा पोंजी स्कीम में जांच कर रही सीबीआई की एक टीम रविवार शाम राजीव कुमार (Rajeev Kumar) के निवास पहुंचे थे. हालांकि उन्हें घर के बाहर ही रोक दिया गया. इसके बाद कुछ सीबीआई अधिकारियों को जबरन पुलिस स्टेशन ले जाया गया.
इस बीच कोलकाता पुलिस सीबीआई के ज्वाइंट डायरेक्टर पंकज श्रीवास्तव को गिरफ्तार करने के लिए उनके घर रवाना हो गई है. सीबीआई के सूत्रों का कहना है कि कमिश्नर के घर जरूरी डॉक्यूमेंट को नष्ट किया जा सकता है. बताया जा रहा कि सीबीआई अब राज्यपाल से इस स्थिति से निपटने की गुहार लगा सकती है. सीबीआई के करीब 40 अधिकारी राजीव कुमार के निवास पर पहुंचे थे. जांच एजेंसी का दावा है कि कोलकाता के पुलिस कमिश्नर फरार हैं. कोलकाता पुलिस के सपोर्ट में राज्य की सीएम ममता बनर्जी (Mamata Banerjee) भी राजीव कुमार के निवास पर पहुंचीं. यह भी पढ़ें- पश्चिम बंगाल: पुलिस कमिश्नर के बचाव में उतरीं सीएम ममता बनर्जी, बीजेपी पर लगाया ताकत का गलत इस्तेमाल करने का आरोप
West Bengal: Police detains the CBI team which had reached the residence of Kolkata Police Commissioner Rajeev Kumar. The team has now been taken to a police station. pic.twitter.com/YXJJ3d11LL
— ANI (@ANI) February 3, 2019
बता दें कि पश्चिम बंगाल के चर्चित शारदा चिटफंड मामले की जांच के लपेटे में कोलकाता के पुलिस कमिश्नर राजीव कुमार का नाम भी आया है. सीबीआई की एक टीम राजीव कुमार से पूछताछ करने के लिए उनके घर पहुंची थी. लेकिन उन्हें अंदर नहीं जाने दिया गया. मौके पर कोलकाता पुलिस के दो डिप्टी कमिश्नर मौजूद थे. कोलकाता पुलिस के अधिकारी सीबीआई की टीम से कोर्ट का वारंट देखने की मांग कर रहे थे. सीबीआई के अधिकारी जब पुलिस कमिश्नर राजीव कुमार के घर जाने की कोशिश कर रहे थे उस वक्त उनकी वहां मौजूद पुलिसकर्मियों के साथ हाथापाई भी हुई.
क्या है शारदा चिट फंड घोटाला
पश्चिम बंगाल का चर्चित चिटफंड घोटाला 2013 में सामने आया था. कथित तौर पर तीन हजार करोड के इस घोटाले का खुलासा अप्रैल 2013 में हुआ था. आरोप है कि शारदा ग्रुप की कंपनियों ने गलत तरीके से निवेशकों के पैसे जुटाए और उन्हें वापस नहीं किया. इस घोटाले को लेकर पश्चिम बंगाल सरकार पर सवाल उठे थे. शारदा समूह द्वारा 10 लाख से अधिक निवेशकों को ठगने का अनुमान है. इस घोटाले से 3,000 करोड़ रुपये से अधिक का नुकसान होने की संभावना है.
अप्रैल में बालासोर और ओडिशा में सैकड़ों निवेशकों ने समूह पर आरोप लगाया था कि उच्च लाभ का वादा कर उनसे पैसा लिया गया था, जिसे पूरा नहीं किया गया. इसके बाद ओडिशा में इस मामले की जांच शुरू हुई थी. ईडी अब तक शारदा की छह संपत्तियों की कुर्की कर चुका है, जिसकी कीमत 500 करोड़ रुपये है. एक्टर से राजनीतिज्ञ बने तृणमूल कांग्रेस के सांसद मिथुन चक्रवर्ती ब्रांड एंबेस्डर के तौर पर सारदा कंपनी से लिए गए 1.20 करोड़ रुपये पहले ही ईडी को सौंप चुके हैं.