Kolkata Doctor Rape Murder: सीएम आवास पहुंचे जूनियर डॉक्टर, मुख्यमंत्री ममता बनर्जी से बातचीत शुरू

आरजी कर मेडिकल कॉलेज में हुए दर्दनाक बलात्कार और हत्या के विरोध में प्रदर्शन कर रहे जूनियर डॉक्टरों की ममता बनर्जी से मुलाकात सोमवार शाम को उनके आवास पर हो रही है. यह बैठक पश्चिम बंगाल की मुख्यमंत्री की तरफ से डॉक्टरों को "पांचवीं और अंतिम" बार भेजे गए आमंत्रण के बाद हुई.

Protest against the rape and murder of doctor | PTI

कोलकाता: आरजी कर मेडिकल कॉलेज में हुए दर्दनाक बलात्कार और हत्या के विरोध में प्रदर्शन कर रहे जूनियर डॉक्टरों की ममता बनर्जी से मुलाकात सोमवार शाम को उनके आवास पर हो रही है. यह बैठक पश्चिम बंगाल की मुख्यमंत्री की तरफ से डॉक्टरों को "पांचवीं और अंतिम" बार भेजे गए आमंत्रण के बाद हुई. प्रदर्शन कर रहे डॉक्टरों ने इस मुलाकात की शर्त रखी थी कि बैठक की वीडियोग्राफी या लाइव-स्ट्रीमिंग की अनुमति दी जाए. हालांकि राज्य सरकार ने लाइव-स्ट्रीमिंग की मांग को ठुकराते हुए कहा कि बैठक के मिनट्स (कार्यवाही) दोनों पक्षों को साझा किए जाएंगे. इसके बाद डॉक्टरों ने बातचीत के लिए सहमति जताई.

कोलकाता में डॉक्टर्स की हड़ताल के चलते 29 की मौत, ममता बनर्जी ने किया मृतकों के परिवारों को मुआवजा देने का ऐलान.

पश्चिम बंगाल के मुख्य सचिव मनोज पंत ने डॉक्टरों को एक पत्र में लिखा, "यह आपके साथ बैठक के लिए हमारी पांचवीं और अंतिम कोशिश है. माननीय मुख्यमंत्री के साथ आपकी बातचीत के संदर्भ में, हम आपको एक बार फिर से खुली चर्चा के लिए आमंत्रित करते हैं." डॉक्टरों को उसी प्रतिनिधिमंडल के साथ बुलाया गया, जिसने 14 सितंबर को मुख्यमंत्री से उनके कालीघाट स्थित आवास पर मुलाकात की थी.

14 सितंबर को हुई थी पहली मुलाकात

इससे पहले, 14 सितंबर को भी प्रदर्शनकारी डॉक्टरों का एक प्रतिनिधिमंडल ममता बनर्जी से उनके आवास पर मिला था. यह मुलाकात उस दिन हुई जब मुख्यमंत्री ने अचानक स्वास्थ भवन के पास चल रहे धरने का दौरा किया और डॉक्टरों को न्याय का आश्वासन दिया. इसके बावजूद, डॉक्टरों ने अपनी मांगों के साथ प्रदर्शन जारी रखा, जिसमें मुख्य मांग बैठक की लाइव-स्ट्रीमिंग थी.

लाइव-स्ट्रीमिंग पर अड़चन

डॉक्टरों और सरकार के बीच जारी एक महीने से अधिक समय के गतिरोध की मुख्य वजह बैठक की लाइव-स्ट्रीमिंग की मांग थी. डॉक्टर चाहते थे कि बैठक पूरी पारदर्शिता के साथ लाइव-स्ट्रीम की जाए या कम से कम उसकी वीडियोग्राफी हो, ताकि उनकी मांगों और सरकार की प्रतिक्रिया का दस्तावेजीकरण हो सके.

हालांकि, राज्य सरकार ने इस मांग को यह कहते हुए खारिज कर दिया कि मामला अदालत में विचाराधीन है और सार्वजनिक रूप से प्रसारित नहीं किया जा सकता. सरकार ने इसके बजाय बैठक के मिनट्स साझा करने की पेशकश की.

Share Now

\