कोलकाता: आरजी कर मेडिकल कॉलेज में महिला डॉक्टर के साथ हुए बर्बर बलात्कार और हत्या के बाद से विरोध कर रहे डॉक्टरों ने पश्चिम बंगाल सरकार के वार्ता के प्रस्ताव को ठुकरा दिया है. विरोध कर रहे डॉक्टरों का कहना है कि वे अपना आंदोलन और काम बंद जारी रखेंगे. मुख्यमंत्री ममता बनर्जी ने मंगलवार को राज्य सचिवालय में जूनियर डॉक्टरों को बैठक के लिए बुलाया था ताकि इस मुद्दे का समाधान हो सके. राज्य के स्वास्थ्य सचिव एन एस निगम ने ईमेल के माध्यम से प्रदर्शनकारी डॉक्टरों को 10 प्रतिनिधियों के साथ बैठक के लिए आमंत्रित किया था.
डॉक्टरों ने इस ईमेल को 'अपमान' बताया और कहा कि उनकी मांगें स्पष्ट हैं, जब तक स्वास्थ्य सचिव निगम का इस्तीफा नहीं होता और उनकी मांगें पूरी नहीं होतीं, तब तक उनका प्रदर्शन जारी रहेगा. एक विरोध कर रहे डॉक्टर ने कहा, "प्रतिनिधियों की संख्या को 10 तक सीमित करना हमारे लिए अपमानजनक है. हम सरकार से बातचीत के लिए तैयार हैं, लेकिन जब तक हमारी मांगें पूरी नहीं होतीं, हम काम पर वापस नहीं लौटेंगे."
डॉक्टरों ने कहा कि अगर हम चाहें तो 10 प्रतिनिधियों के साथ नबन्ना आ सकते हैं. स्वास्थ्य सचिव का ईमेल आया है. हम इसे सकारात्मक संकेत के रूप में नहीं देखते हैं. हम बातचीत के लिए हमेशा तैयार हैं, लेकिन स्वास्थ्य सचिव का मेल भेजना हमारे लिए बहुत अपमानजनक है.
बता दें कि पिछले कोलकाता के आरजी कर मेडिकल कॉलेज एंड हॉस्पिटल की ट्रेनी डॉक्टर से रेप और मर्डर के मामले पर एक महीने से डॉक्टरों की हड़ताल अभी-भी जारी है. सुप्रीम कोर्ट द्वारा जूनियर डॉक्टरों को दी डेडलाइन शाम 5 बजे ही खत्म हो चुकी है. जिसके बाद बंगाल सरकार ने छात्रों को ईमेल भेजकर बातचीत के लिए संपर्क किया है और डॉक्टरों के एक प्रतिनिधिमंडल को मुख्यमंत्री ने मिलने बुलाया है. हालांकि, प्रदर्शनकारी छात्रों ने ममता सरकार के प्रस्ताव को खारिज कर दिया है.