कोलकाता, 16 अगस्त: कोलकाता के आरजी कर मेडिकल कॉलेज में ट्रेनी महिला डॉक्टर के साथ हुए बलात्कार और हत्या के मामले की जांच के दौरान, CBI ने अब कॉलेज के पूर्व प्रिंसिपल संदीप घोष से पूछताछ शुरू कर दी है. संदीप घोष वही व्यक्ति हैं जिन्होंने इस मामले में 'आत्महत्या' की थ्योरी पेश की थी. जब यह घटना सामने आई थी उन्होंने कहा था कि डॉक्टर की मौत हत्या नहीं बल्कि आत्महत्या थी. डॉ. संदीप घोष, जो आरजी कर मेडिकल कॉलेज और अस्पताल के पूर्व प्रमुख थे उन्हें इस मामले में उनकी नेतृत्व शैली और प्रतिक्रिया को लेकर उठे सवालों के बाद कलकत्ता हाईकोर्ट ने छुट्टी पर जाने के लिए कहा था.
हाईकोर्ट ने संदीप घोष को कड़ी फटकार लगाई थी. उन्होंने घटना के संदर्भ में जो बयान दिए थे, उन्हें पीड़िता को दोष देने के रूप में देखा गया, जिससे उनकी काफी आलोचना हुई. इसके अलावा, अस्पताल के स्टाफ के लिए पर्याप्त सुरक्षा व्यवस्था न कर पाने के कारण भी उन्हें निशाने पर लिया गया. इन घटनाओं के बाद, संदीप घोष ने अपने पद से इस्तीफा दे दिया था.
लेकिन, इस पूरे घटनाक्रम में एक चौंकाने वाला मोड़ तब आया जब महज 24 घंटों के भीतर संदीप घोष को फिर से कोलकत्ता मेडिकल कॉलेज और अस्पताल के प्रिंसिपल के रूप में बहाल कर दिया गया. बता दें कि हादसे के बाद संदीप घोष ने आर जी कर मेडिकल कॉलेज अस्पताल से इस्तीफा दे दिया था. इसके बाद संदीप घोष को नेशनल मेडिकल कॉलेज का प्रिंसिपल बना दिया गया था. इस नियुक्ति पर भी छात्रों का विरोध जारी है. CBI द्वारा की जा रही पूछताछ से इस मामले में नए तथ्य सामने आ सकते हैं, खासकर जब संदीप घोष द्वारा पेश की गई 'आत्महत्या' की थ्योरी की जांच की जा रही है.
क्या है पूरा मामला
दरअसल, 9 अगस्त को कोलकाता के आरजी कर अस्पताल के सेमिनार हॉल में एक महिला डॉक्टर का शव मिला था. आरजी कर मेडिकल कॉलेज और अस्पताल में ड्यूटी पर तैनात 31 वर्षीय पोस्टग्रेजुएट रेजिडेंट डॉक्टर के साथ 8 अगस्त की रात बलात्कार किया गया और उसकी हत्या कर दी गई. अधिकारियों ने चेस्ट मेडिसिन विभाग के सेमिनार हॉल में द्वितीय वर्ष की छात्रा का अर्धनग्न शव बरामद किया था, जिस पर कई चोटों के निशान थे. इसके बाद से ही रेजिडेंट डॉक्टर्स मामले में पीड़िता के लिए न्याय की मांग कर रहे हैं. इसे लेकर डॉक्टर्स कई दिनों से हड़ताल पर हैं.