Kinnaur Landslide: किन्नौर भूस्खलन में मरने वालों की संख्या हुई 10, ITBP ने अब तक 14 लोगों को बचाया- रेस्क्यू ऑपरेशन जारी
हिमाचल प्रदेश के किन्नौर जिले के रिकांग पियो-शिमला राजमार्ग पर भूस्खलन में मरने वालों की संख्या बढ़कर दस हो गई है. मलबे में फंसे हुए लोगों को भारत-तिब्बत सीमा पुलिस (आईटीबीपी) के जवानों द्वारा बचाया जा रहा है. अब तक भूस्खलन स्थल से कुल 10 शव बरामद किए गए हैं. जबकि 14 लोगों को बचाया गया है. सर्च ऑपरेशन जारी है.
शिमला: हिमाचल प्रदेश (Himachal Pradesh) के किन्नौर (Kinnaur) जिले के रिकांग पियो-शिमला राजमार्ग पर भूस्खलन (Landslide) में मरने वालों की संख्या बढ़कर दस हो गई है. मलबे में फंसे हुए लोगों को भारत-तिब्बत सीमा पुलिस (आईटीबीपी) के जवानों द्वारा बचाया जा रहा है. अब तक भूस्खलन स्थल से कुल 10 शव बरामद किए गए हैं. जबकि 14 लोगों को बचाया गया है. सर्च ऑपरेशन जारी है. हिमाचल प्रदेश के किन्नौर में फंसे 60 से अधिक पर्यटकों को निकाला गया
अधिकारियों ने बताया कि भूस्खलन किन्नौर के चौरा गांव में दोपहर से ठीक पहले हुआ. हिमाचल प्रदेश के मुख्यमंत्री जयराम ठाकुर ने राज्य विधानसभा को बताया कि ऐसी खबरें हैं कि मलबे के नीचे 50 से 60 लोग दबे हुए हैं लेकिन सही संख्या मालूम नहीं है. प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने घटना को लेकर ठाकुर से बात की.
प्रधानमंत्री कार्यालय ने कहा, “ प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने हिमाचल प्रदेश के मुख्यमंत्री जयराम ठाकुर से किन्नौर में हुए भूस्खलन के चलते बनी स्थिति पर बात की. प्रधानमंत्री ने जारी बचाव अभियानों में हरसंभव मदद देने का आश्वासन दिया.”
केंद्रीय गृह मंत्री शाह ने भी भूस्खलन के कारण उत्पन्न स्थिति का जायजा लेने के लिए ठाकुर से बात की. गृह मंत्री ने आईटीबीपी को राहत एवं बचाव कार्यों में हिमाचल प्रदेश सरकार को हरसंभव मदद देने का निर्देश दिया है.
ठाकुर ने कहा कि गृह मंत्री ने उनसे बात की है और फिलहाल शीर्ष प्राथमिकता मलबे के नीचे दबे लोगों को निकालने और उन्हें बेहतर इलाज देने की है. उन्होंने कहा कि हिमाचल सड़क परिवहन निगम (एचआरटीसी) की एक बस और कई अन्य वाहन मलबे के नीचे दबे हुए हैं. बस किन्नौर के रेकॉन्ग प्यो से शिमला जा रही थी. उन्होंने बताया कि बस के चालक और परिचालक को चोटें आई हैं और वे इस स्थिति में नहीं हैं कि यात्रियों की सही-सही संख्या बता सकें.
ठाकुर ने बताया कि राष्ट्रीय आपदा मोचन बल (एनडीआरएफ), भारत-तिब्बत सीमा पुलिस (आईटीबीपी), केंद्रीय औद्योगिक सुरक्षा बल (सीआईएसएफ) और स्थानीय पुलिस राहत अभियान के लिए मौके पर पहुंची हुई है. उन्होंने बताया कि सेना के एक अधिकारी ने भी उन्हें मदद देने को कहा है. मुख्यमंत्री ने बताया कि बचाव कार्य के लिए हेलिकॉप्टर की भी व्यवस्था की गई है. उन्होंने कहा कि भूस्खलन उस वक्त हुआ जब इलाके में बारिश नहीं हो रही थी.