Coronavirus: लॉकडाउन के दौरान भी केरल में शराबियों को मिलेगी शराब, लेकिन दिखाना होगा डॉक्टर का लिखित पर्चा
कोरोनो वायरस के बढ़ते मामलों के बीच केरल सरकार देशव्यापी लॉकडाउन के दौरान शराब की न्यूनतम आपूर्ति करने की योजना बना रही है.
केरल (Kerala) में शराब पीने वालों के लिए यह खबर खुश करने वाली है. कोरोनो वायरस के बढ़ते मामलों के बीच केरल सरकार देशव्यापी लॉकडाउन के दौरान शराब की न्यूनतम आपूर्ति करने की योजना बना रही है. रिपोर्ट के अनुसार डॉक्टर के प्रिस्क्रिप्शन के अनुसार केरल में शराबियों को शराब दी जाएगी. यह फैसला केरल में पांच लोगों द्वारा आत्महत्या की कोशिश और 25 से अधिक व्यक्तियों को नशामुक्ति केंद्रों में भर्ती कराए जाने के बाद लिया गया. इन सभी लोगों की हालात शराब न मिलने से खराब हो गई थी. लॉकडाउन के कारण यहां शराब के ठेके बंद हैं. इसी बीच पिछले कुछ दिनों में यहां शराब के आदी पांच लोगों ने आत्महत्या कर ली.
दरअसल केरल सरकार ने शराब को आवश्यक वस्तु की श्रेणी में रखते हुए लॉकडाउन के दौरान इसकी बिक्री जारी रखने को कहा था लेकिन विपक्ष के दबाव में उन्हें यह फैसला वापस लेना पड़ा. इसके बाद राज्य में शराब की सारी दुकानें बंद कर दी गईं. यह पहला मौका है जब राज्य में पूरी तरह से शराबबंदी लागू हुई है. इससे शराबियों की हालात बिगड़ने लगी. केरल में पांच लोगों ने आत्महत्या की कोशिश की तो वहीं कई लोगों को नशामुक्ति केंद्रों में भेजा गया. यह भी पढ़ें- कोरोना के चलते केरल में एक की मौत के बाद 6 और नए मामले आये सामने, संक्रमित लोगों की संख्या बढ़कर हुई 165.
मुख्यमंत्री पिनाराई विजयन ने मीडिया को जानकारी देते हुए कहा कि सरकार आत्महत्या से बचने के लिए अत्यधिक शराब का सेवन करने वालों को शराब उपलब्ध कराने की योजना बना रही है. सीएम पिनाराई विजयन ने कहा, "राज्य सरकार ने एक्साइज विभाग को लॉकडाउन अवधि के दौरान शराबियों को शराब उपलब्ध कराने के लिए सुझाव देने का निर्देश दिया है." मीडिया रिपोर्ट्स के अनुसार राज्य में लगभग 1.6 मिलियन शराबी हैं जो नियमित रूप से शराब का सेवन करते हैं. उनमें से, 45 प्रतिशत भारी अत्यधिक शराब पीने वाले हैं.
इससे पहले, मनोचिकित्सकों और सामाजिक वैज्ञानिकों ने इस संकट के बारे में सरकार को चेतावनी दी थी. सरकार को उस समय ही इन सब के बारे में चेताया गया था जब विपक्ष और इंडियन मेडिकल एसोसिएशन ने राज्य में सभी शराब दुकानों को बंद करने की मांग की थी. लॉकडाउन के दौरान केरल में शराबियों को शराब न मिलने के कारण उनकी जान पर बन आई है. लॉकडाउन के बाद केरल में नशा मुक्ति केंद्र और सरकारी मानसिक स्वास्थ्य केंद्रों में भर्ती होने वाले लोगों की संख्या में अचानक इजाफा हुआ है.