Kerala: मुन्नार, इडुक्की में तापमान शून्य डिग्री सेल्सियस से नीचे, पौधों और घास पर जमीं बर्फ, पर्यटकों की उमड़ी भीड़

मुन्नार, इडुक्की में तापमान शून्य डिग्री सेल्सियस से नीचे चला गया है. तापमान माइनस में होने के कारण फूल, पत्तियां, घास आदि बर्फ की परतों से ढंक चुके हैं. डिस्ट टूरिज्म प्रमोशन काउंसिल के एक अधिकारी का कहना है, "केरल और पड़ोसी राज्यों के कई पर्यटक इसे देखने आ रहे हैं. यहां पर्यटकों की अच्छी भीड़ है.

मुन्नार में तापमान गिरने से पहाड़ियों पर जमी बर्फ की परत, (फोटो क्रेडिट्स: ANI)

केरल: मुन्नार, इडुक्की में तापमान शून्य डिग्री सेल्सियस से नीचे चला गया है. तापमान माइनस में होने के कारण फूल, पत्तियां, घास आदि बर्फ की परतों से ढंक चुके हैं. डिस्टट्रिक टूरिज्म प्रमोशन काउंसिल के एक अधिकारी का कहना है, "केरल और पड़ोसी राज्यों के कई पर्यटक इसे देखने आ रहे हैं. यहां पर्यटकों की अच्छी भीड़ है. "जब तापमान गिरता है तब चाय के बागान, घाटियां और पहाड़ियां बर्फ की परतों से ढंक जाती हैं. जिसकी वजह से मुन्नार की सुंदरता देखने के लिए यहां पर्यटकों की भीड़ उमड़ने लगती है.

मुन्नार के होटल व्यवसायियों के अनुसार, अधिकांश रिसॉर्ट्स और होमस्टे बुकिंग से फुल हो चुके हैं. बता दें कि यह हिल स्टेशन दो महीने में तीसरी बार शीत लहर की चपेट में है, जिसमें पहला दिसंबर में और दूसरा जनवरी के अंत में रिकॉर्ड किया गया था. मुन्नार के हिल स्टेशन में एक बार फिर सब -जीरो  तापमान के साथ शीत लहर देखी गई. गुरुवार को तापमान शून्य से 2 डिग्री सेल्सियस कम हो गया. मुन्नार के पास लेचमी में गुरुवार सुबह सबसे कम तापमान दर्ज किया गया. - दक्षिण भारत (UPASI) टी रिसर्च फाउंडेशन के अनुसार, मुन्नार में गुरुवार को विभिन्न स्थानों पर तापमान साइलेंट वैली -1 ° C, चेंदुवरई -1 ° C, मुन्नार -1 ° C, सेवनमालाई 0 ° C और मैटुपेट्टी 0 ° C दर्ज किया गया था. " यह भी पढ़ें: जन्नत में होने का एहसास दिलाते हैं दक्षिण भारत के ये टूरिस्ट प्लेस, यहां के मनमोहक नजारे मोह लेंगे आपका मन

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हिल स्टेशन पर दो हफ्ते पहले तापमान में गिरावट देखी गई थी. जनवरी के अंतिम सप्ताह में तापमान शून्य से 2 डिग्री सेल्सियस नीचे चला गया था. मुन्नार में सर्दियों का सामान्य मौसम नवंबर में शुरू होता है और जनवरी के पहले सप्ताह में तापमान घटकर शून्य तक पहूंच जाता है. हालांकि, पिछले तीन वर्षों से सर्दियों का पैटर्न बदल गया है और इस साल अचानक बारिश से तापमान में वृद्धि हुई है, जिसके बाद यह सब-शून्य स्तर पर पहुंच गया.

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