केरल में बाढ़ ने तोड़ा 94 साल का रिकॉर्ड, मरने वालों की संख्या 79 हुई
कोल्लम से नौका बाढ़ प्रभावित इलाकों में पहुंची और रक्षाकर्मियों की सहायता से बचाव अभियान जारी रहा. राष्ट्रीय राजमार्ग एर्नाकुलम और त्रिशूर में राष्ट्रीय राजमार्ग पर यातायात को नियंत्रित है.
तिरुवनंतपुरम. केरल में भारी बारिश से बांध और नदियां उफान पर हैं. बाढ़ से गुरुवार को 12 और लोगों की मौत की पुष्टि के बाद मृतकों की संख्या बढ़कर 79 हो गई. शनिवार तक और बारिश होने की संभावना है. प्रतिकूल मौसम को लेकर केरल में बुधवार शाम से रेड अलर्ट जारी है. बुधवार को कुल 28 लोगों की मौत की खबर है. बीते 24 घंटों में मध्य केरल का पत्तनमतिट्टा जिला सर्वाधिक प्रभावित रहा. यहां छात्रों सहित हजारों की संख्या में लोग रानी, अरनमुला और कोझेनचेरी में अपने घरों में फंसे हैं.
कोल्लम से नौका बाढ़ प्रभावित इलाकों में पहुंची और रक्षाकर्मियों की सहायता से बचाव अभियान जारी रहा. राष्ट्रीय राजमार्ग एर्नाकुलम और त्रिशूर में राष्ट्रीय राजमार्ग पर यातायात को नियंत्रित है.
एर्नाकुलम और अंगामाले के बीच रेल संचालन बंद हैं. तिरुवनंतपुरम रेलवे स्टेशन पर टिकट जारी नहीं किए जा रहे हैं.
सभी शैक्षणिक संस्थान गुरुवार को बंद हैं. राज्य की राजधानी में बारिश कम होने से स्थिति में गुरुवार को सुधार हुआ. निचले इलाकों में जलभराव भी कम हो रहा है. वहीं, गुरुवार को भी मल्लापुरम, कोझिकोड, पलक्कड़ और त्रिशूर में लोगों के मरने की खबर है.
एनार्कुलम और त्रिशूर के हिस्सों में इडुक्की जिलों से बांध का पानी पेरियार और इसीक सहायक नदियों तक पहुंचने से एनार्कुलम और त्रिशूर को जूझना पड़ रहा है.
वहीं, शनिवार तक लगातार बारिश होने के पूवार्नुमान के कारण केरल में 33 बांधों के प्रवेश द्वार मंगलवार को खोल दिए गए. अधिकारी का कहना है कि लोकप्रिय पर्यटक स्थल मुन्नार में स्थिति खराब है.
प्रशासन का कहना है कि अकेले वायनाड में 20,000 से अधिक लोग राहत शिविरों में रह रहे हैं.
कोच्चि अंतर्राष्ट्रीय हवाईअड्डे को बुधवार को शनिवार तक के लिए बंद कर दिया गया क्योंकि पेरियार नदी का पानी परिचालन क्षेत्र तक आ गया है.