केरल में भारी बारिश से 27 की मौत, इडुक्की बांध के 2 और द्वार खोले गए.. बचाव कार्य जारी
केरल में बाढ़ (Photo Credit-ANI Twitter)

इडुक्की. केरल में शुक्रवार को भले ही कम बारिश के चलते पिछले दो दिनों के मुकाबले कुछ राहत है, लेकिन बीते दिनों की भारी बारिश के चलते हुई विभिन्न घटनाओं में मरने वालों की संख्या 27 तक पहुंच गई है. इडुक्की बांध का जलस्तर तेजी से बढ़ने के कारण इसके दो और द्वार खोल दिए गए. केरल के एक मंत्री ने यह जानकारी दी. सेना इडुक्की, वयनाड, कोझिकोड और मलप्पुरम जिलों में बचाव एवं राहत कार्यो में जुटी हुई है. मंत्री ने कहा कि बांध के शटर बढ़ते जलस्तर के दबाव को कम करने के लिए कुछ घंटों के लिए ही खोले गए और घबराने की कोई बात नहीं है.

राज्य के कई जिलों में बुधवार से भारी बारिश हो रही है. गुरुवार तक 24 लोगों की मौत हुई थी, जबकि शुक्रवार को तीन और मौतों की सूचना मिली.

इडुक्की के रहने वाले केरल के ऊर्जा मंत्री एम.एम. मणि ने मीडिया को यहां बताया कि इदमलयार बांध के दो और द्वार खोलने का फैसला जलस्तर को 2,403 मीटर तक पहुंचने से रोकने लिए लिया गया. बांध का जलस्तर गुरुवार को अपराह्न 12.30 बजे 2,399 मीटर के पार हो गया. एक द्वार तो 26 वर्षों के अंतराल के बाद खोला गया.

मणि ने कहा, "द्वार खोलने के बावजूद, एक स्थिर प्रवाह रहा है और वर्तमान में बांध में जलस्तर 2,401 मीटर है। इसलिए अधिक पानी जारी करने का निर्णय लिया गया."

मणि ने कहा, "यह कोई मुद्दा नहीं है क्योंकि हम जल्द ही द्वार बंद करने की योजना बना रहे हैं."

हालांकि, उन्होंने संकेत दिए कि एर्नाकुलम और उसके आस-पास के इलाकों में कुछ जगहों पर समस्या हो सकती है क्योंकि इदमलयार बांध से छोड़ा गया पानी इन स्थानों तक पहुंच सकता है. उन्होंने कहा, "लेकिन, हमें विश्वास है कि चीजों को नियंत्रित किया जा सकता है."

राज्य के राजस्व मंत्री ई.चंद्रशेखरन एर्नाकुलम में स्थितियों पर नजर बनाए हुए हैं. उन्होंने कहा कि हालात नियंत्रण में हैं. सेना की पांच टीम इडुक्की, वयनाड, कोझिकोड, मलप्पुरम में नुकसान की भरपाई में जुटी हुई हैं. उन्होंने कहा कि केंद्रीय टीम भी जुलाई में बारिश के कारण हुए नुकसान का आकलन करने के लिए यहां है.

मुख्यमंत्री पिनारई विजयन ने तिरुवनंतपुरम में शीर्ष अधिकारियों के साथ एक समीक्षा बैठक की और बचाव कार्य में मदद के लिए रक्षा बलों की सराहना की.

उन्होंने यह भी कहा कि पूरा ध्यान अब एर्नाकुलम जिले के निचले इलाके में रहने वाले लोगों के पुनर्वास पर है और यह इडुक्की बांध से जारी पानी के कारण आवश्यक है.

कोच्चि अंतर्राष्ट्रीय हवाई अड्डे को गुरुवार को आने वाली उड़ानों के लिए को दो घंटों के लिए बंद कर दिया गया था. शुक्रवार को यहां उड़ानें सामान्य रूप से संचालित हो रही हैं.