केरल: लॉकडाउन में ऑनलाइन शिक्षा से महरूम हैं मछुआरों व दिहाड़ी मजदूरों के बच्चे, लैपटॉप-स्मार्टफोन खरीदने के लिए इनके पास नहीं है पैसे
दक्षिण भारत के केरल राज्य में एक ओर जहां कई बच्चे ऑनलाइन अपनी पढ़ाई जारी रखे हुए हैं तो कई इससे महरूम हैं. अलपुज्जा में रहने वाले बच्चे लॉकडाउन में स्कूल बंद होने की वजह से ऑनलाइन शिक्षा हासिल नहीं कर पा रहे हैं. दरअसल, अलपुज्जा में मछुआरों और दिहाड़ी मजदूरों की बड़ी आबादी रहती है, जो इंटरनेट और स्मार्टफोन खरीदने में सक्षम नहीं है.
कोरोना वायरस महामारी (Coronavirus Pandemic) के खिलाफ जारी लड़ाई और देशव्यापी लॉकडाउन (Lockdown) के चलते तमाम स्कूल और कॉलेज बंद हैं. यहां तक कि छात्रों की परीक्षाएं भी कोविड-19 (COVID-19) वायरस के प्रकोप के चलते टल गई हैं. हालांकि कई स्कूल और कॉलेजों के छात्रों को ऑनलाइन पढ़ाया (Online Study) जा रहा है. कोरोना वायरस महामारी के चलते भले ही स्कूल-कॉलेज बंद हो गए हों, लेकिन बच्चों की पढ़ाई न रूक सके, इसलिए उन्हें ऑनलाइन शिक्षा दी जा रही है. अधिकांश छात्र ऑनलाइन शिक्षा के जरिए अपनी आगे की पढ़ाई कर रहे हैं, लेकिन कई छात्र ऐसे भी हैं जो ऑनलाइन शिक्षा से महरूम हैं और स्कूल बंद होने की वजह से उनकी पढ़ाई पूरी तरह से रूक गई है.
दक्षिण भारत के केरल (Kerala) राज्य में एक ओर जहां कई बच्चे ऑनलाइन अपनी पढ़ाई जारी रखे हुए हैं तो कई इससे महरूम हैं. अलपुज्जा में रहने वाले बच्चे लॉकडाउन में स्कूल बंद होने की वजह से ऑनलाइन शिक्षा हासिल नहीं कर पा रहे हैं. दरअसल, अलपुज्जा में मछुआरों और दिहाड़ी मजदूरों की बड़ी आबादी रहती है, जो इंटरनेट और स्मार्टफोन खरीदने में सक्षम नहीं है.
ऑनलाइन शिक्षा से महरूम बच्चे
वहीं एक बच्चे के पिता का कहना है कि मैं एक दिहाड़ी मजदूर हूं. हम अपने बच्चों को अच्छी शिक्षा देना चाहते हैं, लेकिन स्मार्टफोन और लैपटॉप खरीदने के लिए हमारे पास पैसे नहीं है. अगर सरकार हमारी मदद करती है तो हमारे पास एक स्मार्टफोन या लैपटॉप हो सकता है, ताकि हमारे बच्चे भी ऑनलाइन कक्षाओं के जरिए अपनी पढ़ाई जारी रख सकें. यह भी पढ़ें: डराने वाले है देश में कोरोना वायरस के पिछले 5 दिन के आंकड़े, सभी को रहना होगा सतर्क
गौरतलब है कि लॉकडाउन के दौरान गरीबी, बेबसी और लाचारी की ऐसी कई तस्वीरें भारत के विभिन्न हिस्सों से सामने आ रही हैं. कोरोना वायरस लॉकडाउन के चलते दिहाड़ी मजदूरों, मछुआरों और श्रमिकों की रोजी-रोटी पर संकट गहरा गया है. इस मुश्किल हालात में इन लोगों के लिए दो वक्त की रोटी का जुगाड़ करना ही मुश्किल हो रह है तो वो अपने बच्चों की ऑनलाइन शिक्षा के लिए लैपटॉप और स्मार्टफोन का इंतजाम कहां से करें, इसलिए ये लोग सरकार से मदद की आस लगाए बैठे हैं.