कार्तिक पूर्णिमा 2019: देशभर में उमड़ा श्रद्धालुओं का सैलाब, वाराणसी घाट और सरयू नदी में भक्त लगा रहे हैं आस्था की डुबकी- CM भूपेश बघेल ने भी किया पवित्र स्नान
कार्तिक पूर्णिमा ( Kartik Purnima) हिंदू धर्म में सबसे शुभ त्योहारों में से एक है. देशभर में कार्तिक पूर्णिमा का त्योहार बड़े हर्षोल्लास के साथ मानाया जा रहा है. देशभर के सभी तीर्थस्थलों पर भारी संख्या में श्रद्धालू आस्था की डुबकी लगा रहे हैं. वाराणसी (Varanasi) के दशाश्वमेध घाट (Dashashwamedh Ghat ) पर सूर्य उदय के साथ ही भक्तों ने स्नान करना शुरू कर दिया है. राम मंदिर पर आए फैसले के बाद धार्मिक नगरी अयोध्या में लाखों की संख्या में श्रद्धालुओं के सरयू नदी में पवित्र स्नान करने पहुंचे. कार्तिक पूर्णिमा के मौके पर अयोध्या में आज दिन भर में लगभग पांच लाख से अधिक श्रद्धालुओं के आने की उम्मीद है. वहीं छतीसगढ़ के रायपुर में मुख्यमंत्री भूपेश बघेल ने खारुन नदी में आरती की और पवित्र स्नान कर दीपदान किया.
कार्तिक पूर्णिमा ( Kartik Purnima) हिंदू धर्म में सबसे शुभ त्योहारों में से एक है. देशभर में कार्तिक पूर्णिमा का त्योहार बड़े हर्षोल्लास के साथ मानाया जा रहा है. देशभर के सभी तीर्थस्थलों पर भारी संख्या में श्रद्धालू आस्था की डुबकी लगा रहे हैं. वाराणसी (Varanasi) के दशाश्वमेध घाट (Dashashwamedh Ghat ) पर सूर्य उदय के साथ ही भक्तों ने स्नान करना शुरू कर दिया है. राम मंदिर पर आए फैसले के बाद धार्मिक नगरी अयोध्या में लाखों की संख्या में श्रद्धालुओं के सरयू नदी में पवित्र स्नान करने पहुंचे. कार्तिक पूर्णिमा के मौके पर अयोध्या में आज दिन भर में लगभग पांच लाख से अधिक श्रद्धालुओं के आने की उम्मीद है. वहीं छतीसगढ़ के रायपुर में मुख्यमंत्री भूपेश बघेल ने खारुन नदी में आरती की और पवित्र स्नान कर दीपदान किया.
कार्तिक पूर्णिमा का हिंदू धर्म में विशेष महत्व बताया जाता है. मान्यता है कि कार्तिक महीने में पूजा-पाठ, स्नान, दान, दीपदान जैसे धार्मिक कार्यों को करने से व्यक्ति को पुण्य फलों की प्राप्ति होती है. कार्तिक पूर्णिमा को गंगा स्नान, त्रिपुरी पूर्णिमा के नाम से भी जाना जाता है. मान्यता है कि इस दिन पतित पावनी गंगा नदी में आस्था की डुबकी लगाने से पूरे वर्ष भर गंगा स्नान करने के बराबर फल मिलता है.
छतीसगढ़ के मुख्यमंत्री ने किया खारुन नदी में स्नान
यह भी पढ़ें:- Kartik Purnima 2019: कार्तिक पूर्णिमा का दिन क्यों माना जाता है बहुत शुभ, जानें शुभ मुहूर्त, पूजा विधि और महत्व
वाराणसी घाट भक्तों की उमड़ी भीड़
मान्यता है कि इस दिन जो भी मनुष्य गंगा स्नान करके दीपदान (DeepDaan) करता है उसके सारे पाप नष्ट होते हैं. कार्तिक मास भगवान विष्णु (Lord Vishnu) का प्रिय मास है, इसलिए पूरे महीने देवालय, नदी किनारे, तुलसी के सामने दीप जलाने से श्रीहरि-लक्ष्मी प्रसन्न होते हैं और व्यक्ति को सभी प्रकार के सुखों की प्राप्ति होती है.कार्तिक पूर्णिमा को त्रिपुरी पूर्णिमा के नाम से भी जाना जाता है. मान्यता है कि इसी दिन भगवान शिव (Lord Shiva) ने त्रिपुरासुर नामक राक्षक का वध किया था.