Forcefully Sex Change: कर्नाटक उच्च न्यायालय (Karnataka High Court) ने एक नाबालिग लड़के का अपहरण करने के बाद उसका जबरन लिंग परिवर्तन ऑपरेशन (Sex Change Operation) करने के आरोप में POCSO अधिनियम के तहत एक डॉक्टर के खिलाफ दर्ज प्राथमिकी और आरोपपत्र को रद्द करने से इनकार कर दिया है.
न्यायमूर्ति सूरज गोविंदराज की एकल पीठ ने डॉ. अनीता पाटिल द्वारा दायर याचिका को खारिज कर दिया, जिसमें उनके खिलाफ फरवरी 2018 में दर्ज प्राथमिकी और उनके खिलाफ दायर आरोपपत्र को रद्द करने की मांग की गई थी.
बेंच ने कहा, "वर्तमान मामले में याचिकाकर्ता एक डॉक्टर है, जिस पर सेक्स चेंज ऑपरेशन करने का आरोप है, और अन्य अपराधों को याचिकाकर्ता के खिलाफ आरोपित नहीं किया गया है. याचिकाकर्ता के विद्वान अधिवक्ता ने यद्यपि यह तर्क दिया है कि याचिकाकर्ता ने ऑपरेशन नहीं किया है, मेरा मानना है कि यह ऐसा मामला नहीं हो सकता है, जिसे सीआरपीसी की धारा 482 के तहत कार्यवाही में तय किया जा सकता है. यह एक ऐसा मामला है जिसे परीक्षण के लिए छोड़ा जाना आवश्यक है.
Karnataka High Court Refuses To Quash FIR Against Doctor Accused Of Forcefully Performing Sex Change Operation On Minor @plumbermushi https://t.co/Yiozd6IHKv
— Live Law (@LiveLawIndia) September 12, 2022
याचिकाकर्ता ने आरोपों से इनकार किया और दावा किया कि उसे मामले में गलत तरीके से फंसाया गया था. उसके वकील ने कहा कि शीर्ष अदालत द्वारा निर्धारित दिशा-निर्देशों का पालन किए बिना डॉक्टर के खिलाफ कोई आपराधिक मुकदमा शुरू नहीं किया जा सकता है.जब तक आरोपी-डॉक्टर के खिलाफ किसी अन्य डॉक्टर द्वारा विश्वसनीय राय नहीं दी जाती है, तब तक याचिकाकर्ता के खिलाफ कोई आपराधिक मामला दर्ज नहीं किया जाना चाहिए.