Kameshwar Chaupal Passes Away: लंबी बीमारी के चलते राम जन्मभूमि तीर्थ क्षेत्र ट्रस्ट के ट्रस्टी कामेश्वर चौपाल का निधन, दिल्ली के सर गंगाराम अस्पताल में ली आखिरी सांस
(Photo Credits BJP)

अयोध्या, 7 फरवरी : राम जन्मभूमि तीर्थ क्षेत्र ट्रस्ट के ट्रस्टी कामेश्वर चौपाल का शुक्रवार को निधन हो गया. वो लंबे समय से बीमार थे और सर गंगाराम अस्पताल में उपाचराधीन थे. कामेश्वर चौपाल ने राम मंदिर निर्माण में पहली ईंट रखी थी. संघ ने उन्हें प्रथम कार सेवक का दर्जा भी दिया था.

भव्य राम मंदिर की प्राण प्रतिष्ठा 22 जनवरी 2024 को की गई थी, लेकिन राम मंदिर आंदोलन में 9 नवंबर 1989 को पहली आधारशीला रखने वाले कामेश्वर चौपाल ही थे. उस समय वे विश्व हिंदू परिषद के स्वयंसेवक भी थे. राम मंदिर आंदोलन में कामेश्वर चौपाल की महत्वपूर्ण भूमिका थी. उनकी अहम भूमिका देखते हुए ही उन्हें आधारशीला रखने के लिए चुना गया था. यह भी पढ़ें : मणिपुर विधानसभा अध्यक्ष के अधिकरण ने दल-बदल विरोधी मामले में एनपीपी विधायकों से जवाब मांगा

वहीं, अगर उनकी राजनीतिक यात्रा की बात करें, तो उन्होंने 1991 में भारतीय जनता पार्टी की सदस्यता ग्रहण की थी. भाजपा में शामिल होने के लिए उन्होंने विश्व हिंदू परिषद छोड़ दिया था. पार्टी ने उन्हें चुनावी मैदान में भी उतारा, लेकिन उन्हें हार का सामना करना पड़ा था. पार्टी ने उन्हें रोसड़ा लोकसभा सीट से चुनावी मैदान में उतारा था, लेकिन उन्हें हार का मुंह देखना पड़ा था. इसके बाद 1995 में उन्हें बिहार की बेगूसराय सीट से चुनावी मैदान में उतारा गया, लेकिन किस्मत ने उनका साथ नहीं दिया और उन्हें यहां भी हार का सामना करना पड़ा था. इसके बाद 2002 में उन्हें बिहार विधान परिषद का सदस्य भी बनाया गया था. 2014 तक वे बिहार विधान परिषद के सदस्य भी रहे.

2024 के लोकसभा चुनाव में भी पार्टी ने सुपौल सीट से चुनावी मैदान में उतारा, लेकिन इस बार भी उन्हें हार का सामना करना पड़ा. 2020 के विधानसभा चुनाव के दौरान उप-मुख्यमंत्री पद के लिए भी उनका नाम की खूब चर्चा देखने को मिली थी. 2002 से 2014 तक वे राज्यसभा सदस्य रहे. कामेश्वर चौपाल 1982 में विश्व हिंदू परिषद के सदस्य बने थे. 1989 में उन्हें पहली बार राज्य प्रभारी की जिम्मेदारी सौंपी गई. चौपाल ने जेएन कॉलेज मधुबनी से ग्रेजुएशन किया था और 1995 में मिथिला विश्वविद्यालय से एमए की डिग्री हासिल की.