कैलाश मानसरोवर यात्रा: नेपाल में फंसे भारत के 1500 श्रद्धालुओं में से अब तक 104 तीर्थयात्री रेस्क्यू, ऑपरेशन तेज

वहीं मामले की नजाकत को देखते हुए नेपाल में भारतीय दूतावास ने यात्रियों और उनके परिजनों के लिए तमिल, तेलुगु, कन्नड़ और मलयालम भाषाओं में हॉटलाइन नंबर भी जारी किए हैं

मानसरोवर यात्री ( Photo Credit: ANI )

नई दिल्ली. भारत के तकरीबन 1500 तीर्थयात्री तिब्बत के पास नेपाल के पहाड़ी इलाके में खराब मौसम के कारण फंसे हुए हैं. सभी तीर्थयात्री कैलाश मानसरोवर की यात्रा पर निकले थे. वहीं इस मामले की जानकारी मिलने के बाद बचाव कार्य शुरू कर दिया गया है. विदेश मंत्री सुषमा स्वराज ने ट्वीट कर बताया कि 525 तीर्थयात्री सिमिकोट, 550 हिलसा में और 500 तीर्थयात्री तिब्बत में फंसे हुए हैं. यात्रियों को भोजन और हेल्थ चेकअप की व्यवस्था का इंतजाम किया जा रहा है. ताजा जानकारी के अनुसार 104 भारतीय श्रद्धालुओं को फिलहाल बचा लिया गया है.

वहीं मामले की नजाकत को देखते हुए नेपाल में भारतीय दूतावास ने यात्रियों और उनके परिजनों के लिए तमिल, तेलुगु, कन्नड़ और मलयालम भाषाओं में हॉटलाइन नंबर भी जारी किए हैं. बता दें कि मौसम में तीन जुलाई को थोड़ी बेहतर नजर आई लेकिन उड़ान भरने में अभी भी दिक्कतें आ रही हैं. बीमार तीर्थयात्रियों को सुरक्षित निकालने के लिए हेलीकॉप्टर से मदद ली जा रही है.

बता दें कि कर्नाटक के 290 तीर्थयात्री जो कैलाश मानसरोवर यात्रा पर गए थे वे भी भारी बारिश के बीच फंस गए हैं. सभी यात्री नेपाल के सिमीकोट में फंस गए हैं. वहीं मुख्यमंत्री एचडी कुमारस्वामी ने अपने अधिकारियों को  निर्देश दिया है कि फंसे हुए सभी यात्रियों को सकुशल लाने की हर संभव कोशिश करें.

गौरतलब हो कि दो जुलाई को तिब्बत से कैलाश मानसरोवर की यात्रा से लौटने के दौरान एक भारतीय महिला तीर्थयात्री की नेपाल के हुमला जिले के सिमिकोट में सोमवार को बीमार होने के कारण मौत हो गई थी. हुमला नेपाल के सुदूर पश्चिम में स्थित है, यह नेपाल-चीन सीमा के करीब है. सैकड़ों की संख्या में भारतीय तीर्थयात्री हुमला के रास्ते नेपालगुंज होते हुए मानसरोवर पहुंचते हैं.

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