नई दिल्ली, 8 नवंबर : केंद्रीय जांच ब्यूरो (सीबीआई) ने जम्मू-कश्मीर पुलिस सब-इंस्पेक्टर (जेकेपीएसआई) परीक्षा के पेपर लीक मामले में सोमवार को जम्मू-कश्मीर पुलिस के एक अधिकारी और सीआरपीएफ के एक कांस्टेबल समेत चार और आरोपियों को गिरफ्तार किया है. आरोपियों की पहचान जम्मू-कश्मीर पुलिस के एएसआई अशोक कुमार, सीआरपीएफ कांस्टेबल सुरिंदर कुमार और दो निजी व्यक्तियों प्रदीप कुमार और बजिंदर सिंह के रूप में हुई है. सीबीआई ने इस घोटाले में अब तक एक एएसआई और जम्मू-कश्मीर पुलिस के दो कांस्टेबल, एक बीएसएफ कमांडेंट, एक सीआरपीएफ अधिकारी, एक पूर्व सीआरपीएफ कांस्टेबल और एक जम्मू-कश्मीर सरकारी स्कूल के शिक्षक सहित 13 आरोपियों को गिरफ्तार किया .
जांच के दौरान पता चला कि प्रिटिंग प्रेस के पैकिंग इंचार्ज ने परीक्षा के प्रश्नपत्र को पैक करते समय कथित तौर पर चुरा लिया और उसे पहले गिरफ्तार किए गए आरोपी को बेच दिया. सीबीआई ने कहा, "हरियाणा में रहने वाले आरोपी ने लीक हुए प्रश्नपत्र की बिक्री के लिए उम्मीदवारों की याचना करने के लिए जम्मू-कश्मीर में स्थित अन्य दलालों से संपर्क किया." जम्मू-कश्मीर के दलाल कथित तौर पर परीक्षा से एक दिन पहले उम्मीदवारों को जम्मू से हरियाणा के करनाल ले गए और उम्मीदवारों को करनाल ले जाने के लिए वाहनों की व्यवस्था आरोपी एएसआई द्वारा की गई थी. करनाल के एक आरोपी ने करनाल में अभ्यर्थियों को लीक हुए प्रश्नपत्र उपलब्ध कराने के लिए होटल की व्यवस्था की थी. यह भी पढ़ें : हरियाणा : बूथ कब्जाने के आरोप में महिला सरपंच गिरफ्तार
सुरिंदर ने कथित तौर पर कुछ उम्मीदवारों को लीक प्रश्नपत्र मुहैया कराया था. सीबीआई ने 3 अगस्त को जम्मू-कश्मीर सरकार के अनुरोध पर 33 आरोपियों के खिलाफ मामला दर्ज किया, जिसमें तत्कालीन चिकित्सा अधिकारी, बीएसएफ फ्रंटियर मुख्यालय, पलौरा, तत्कालीन सदस्य, तत्कालीन अवर सचिव, जम्मू-कश्मीर सेवा चयन बोर्ड (जेएंडकेएसएसबी) के तत्कालीन अनुभाग अधिकारी शामिल थे. पूर्व सीआरपीएफ कर्मियों, जम्मू-कश्मीर पुलिस एएसआई, अखनूर में एक कोचिंग सेंटर के मालिक, बेंगलुरु स्थित निजी कंपनी, निजी व्यक्तियों और अज्ञात अन्य लोगों पर मामला दर्ज किया गया था. जम्मू-कश्मीर पुलिस में उप-निरीक्षकों के पदों के लिए लिखित परीक्षा जम्मू-केएसएसबी द्वारा आयोजित मार्च में आयोजित किया गया था.
4 जून को परिणाम घोषित होने के बाद परीक्षा में गड़बड़ी के आरोप लगे थे और जम्मू-कश्मीर सरकार ने इसकी जांच के लिए एक जांच समिति का गठन किया था. यह आरोप लगाया गया था कि आरोपी ने जेकेएसएसबी, बेंगलुरु स्थित एक निजी कंपनी, लाभार्थी उम्मीदवारों और अन्य के अधिकारियों के बीच साजिश रची और लिखित परीक्षा के संचालन में घोर अनियमितताएं कीं. जम्मू, राजौरी और सांबा जिलों से चयनित उम्मीदवारों का प्रतिशत असामान्य रूप से ज्यादा था. जेकेएसएसबी द्वारा नियमों का उल्लंघन कथित रूप से बेंगलुरु स्थित निजी कंपनी को प्रश्न पत्र सेट करने का कार्य सौंपने में पाया गया था. 5 अगस्त को जम्मू, श्रीनगर और बेंगलुरु सहित 30 स्थानों पर आरोपियों की तलाशी ली गई.
जांच में खुलासा हुआ है कि इच्छुक उम्मीदवारों और उनके परिवारों द्वारा परीक्षा शुरू होने से पहले प्रश्नपत्र तक पहुंचने के लिए आरोपी को 20 से 30 लाख रुपये का कथित भुगतान किया गया था. इस संबंध में हरियाणा में अधिवासित एक गिरोह, जम्मू-कश्मीर के कुछ शिक्षकों, सीआरपीएफ, जम्मू-कश्मीर पुलिस और जेकेएसएसबी के कुछ सेवारत/सेवानिवृत्त कर्मियों की संलिप्तता कथित रूप से सामने आई थी.