नई दिल्ली, 5 अक्टूबर : झारखंड में नाबालिग लड़कियों के शोषण के मामले हर दिन सामने आ रहे हैं. फिलहाल रांची के जेल रोड स्थित एक कॉलोनी में शर्मनाक घटना सामने आई है. इस इलाके में रहने वाली एक नाबालिग लड़की का यौन शोषण किया गया. नाबालिग लड़की गर्भवती भी हो गई. राष्ट्रीय बाल अधिकार संरक्षण आयोग (एनसीपीसीआर) के अध्यक्ष प्रियंक कानूनगो ने शनिवार को झारखंड सरकार पर ऐसे मामलों में लापरवाही बरतने का आरोप लगाया.
प्रियंक कानूनगो ने आईएएनएस से बात करते हुए कहा कि धार्मिक संस्था होने के नाम पर किसी को भी बच्चों का शोषण करने का अधिकार नहीं मिल जाता है. देश में कानून साफ और स्पष्ट है. झारखंड के रांची में 2018 में ये मामला सामने आया था जिसमें नाबालिग दुष्कर्म पीड़िताओं को रखा जाता था और प्रसव के बाद उनके नवजात शिशुओं को बेच दिया जाता था. जब मामले की जांच की गई तो पता चला कि लड़कियों को दूसरी जगहों से लाया जाता था, लेकिन झारखंड की राज्य सरकार ने इस मामले में पीड़ितों की पहचान के लिए कुछ नहीं किया. करीब 1 साल बाद 2019 में पता चला कि दुमका में दो लड़कियों ने बयान दिया है कि उनके साथ दुष्कर्म हुआ है और उनकी बेटियों को इस तरह से बेचा गया है. यह भी पढ़ें : परमबीर सिंह के खिलाफ शिकायत दर्ज कराने वाले ने मामले को रद्द करने की अपील की
कानूनगो ने कहा, "हमारे पास जो जानकारी थी, उसके अनुसार झारखंड पुलिस के पास 250 से ज्यादा ऐसी पीड़िताओं की जानकारी है, जिसके साथ दुष्कर्म हुआ और जन्म देने के बाद उनके बच्चों को बेच दिया गया. झारखंड की हिंदू लड़कियों के मामले में हमने झारखंड सरकार से कहा कि लड़कियों का यह बयान हमें मिला है. नाबालिग लड़कियों के साथ दुष्कर्म के मामलों में आपको फिर से पोक्सो के तहत मामला दर्ज करना चाहिए. झारखंड सरकार ऐसा करने में विफल रही. उसने हिंदू लड़कियों के मामले में कुछ नहीं किया. उसने दूसरे समुदाय की लड़कियों के मामले में कुछ काम किया. उसने कोई मामला पेश नहीं किया. फिर हम सुप्रीम कोर्ट गए."
उन्होंने आगे कहा कि अभी पिछले महीने सितंबर में सुप्रीम कोर्ट ने निर्देश दिया था कि हम आयोग की शक्तियों में सीसीआर एक्ट का उपयोग करके इस मामले की जांच कर सकते हैं. फिर हमने झारखंड के मुख्य सचिव और डीजीपी को नोटिस भेजा. तीनों लड़कियों के मामले फिर से दर्ज करें. उनके बयान दर्ज करें. जो भी इस तरह के अपराधों में शामिल हैं, उनकी पहचान करें.
एनसीपीसीआर अध्यक्ष ने कहा, "भारत का कानून बिल्कुल स्पष्ट है. धार्मिक संस्था होने के नाम पर बच्चों का शोषण करने का अधिकार किसी को नहीं मिलता. हमने आसाराम जैसे बलात्कारियों को सजा दी है. जो भी बच्चों के खिलाफ शोषण करेगा उसे दंडित किया जाएगा."
प्रियंक कानूनगो ने पश्चिम बंगाल के उत्तर 24 परगना जिले में एक नाबालिग के साथ यौन उत्पीड़न के मामले पर भी बात की, जहां घटना के बाद स्थिति को नियंत्रित करने के लिए आरएएफ को तैनात किया गया है. उन्होंने कहा, "उत्तर 24 परगना जिले में एक नाबालिग लड़की पहले लापता हुई. पुलिस उसे समय रहते खोज नहीं सकी. अब उसका शव मिला है. इसे लेकर जनता में गुस्सा है. इस मामले का संज्ञान लिया गया है, आवश्यक कार्रवाई की जा रही है."