Jharkhand Airport Controversy: दिल्ली पुलिस ने देवघर के डीएम पर लगाया राजद्रोह का आरोप
दिल्ली पुलिस (Photo Credits: Twitter)

नई दिल्ली, 4 सितंबर : भाजपा सांसद निशिकांत दुबे की शिकायत के बाद दिल्ली पुलिस ने झारखंड के देवघर के जिलाधिकारी के खिलाफ राजद्रोह और ऑफिशियल सीकेट्र एक्ट के तहत जीरो एफआईआर दर्ज की है. इससे पहले झारखंड के कुंडा थाने में गोड्डा से भाजपा सांसद निशिकांत दुबे, मनोज तिवारी समेत 9 लोगों के खिलाफ एफआईआर दर्ज हुई थी. उन पर 31 अगस्त को देवघर एयरपोर्ट पर एयर ट्रैफिक कंट्रोल से 'जबरन' उड़ान की मंजूरी लेने का आरोप है. फ्लाइट नाइट ऑपरेशन के लिए तैयार नहीं थी. दुबे ने अपनी शिकायत में बताया कि वह 31 अगस्त को भाजपा सांसद मनोज तिवारी के साथ दिल्ली जाने वाली फ्लाइट लेने के लिए एयरपोर्ट पहुंचे थे. उन्होंने शाम करीब 5.25 बजे विमान में प्रवेश किया. वह देवघर हवाईअड्डे की सलाहकार समिति के अध्यक्ष भी हैं. उन्होंने कहा, "देवघर एयरपोर्ट पर विमान की नाइट लैंडिंग की सुविधा नहीं है, जिस कारण सेवाएं बाधित हो रही हैं. इससे संबंधित केस झारखंड हाईकोर्ट में लंबित है."

दुबे ने कहा, "इस सिलसिले में जानकारी लेने के लिए मैंने एयरपोर्ट डायरेक्टर के कार्यालय जाने का फैसला किया. चूंकि समय कम था, इसलिए मैंने नंगे पांव ही जल्दबाजी में जाने का फैसला किया. इस दौरान झारखंड पुलिस के अधिकारियों ने मुझे जाने से रोका और मेरे दोनों बेटों जो मेरे चप्पल लेकर आ रहे हे थे, उनके साथ गाली-गलौज की, मुझे जान से मारने की धमकी दी." उन्होंने आरोप लगाया कि यह सब जिला आयुक्त मंजूनाथ के निर्देश पर हुआ है. दुबे ने कहा कि अगले दिन मंजूनाथ बिना इजाजत के देवघर एयरपोर्ट के सुरक्षा क्षेत्र में डीआरडीओ के रिस्ट्रिक्टेड क्षेत्र में गए, जहां जाने की अनुमति सिर्फ प्रधानमंत्री कार्यालय देता है. वहां एयरपोर्ट डायरेक्टर ने उनको समझाने का प्रयास किया, लेकिन मंजूनाथ नहीं माने और अपने पद का दुरुपयोग किया.

उन्होंने अपनी शिकायत में कहा, "मेरे कार्य में बाधा पहुंचाने, बिना इजाजत डीआरडीओ क्षेत्र में जाने और एयरपोर्ट डायरेक्टर को धौंस दिखाकर जिला उपायुक्त देवघर ने देश की सुरक्षा के साथ खिलवाड़ किया. मेरे कार्य में बाधा डाली, क्रिमिनल ट्रेस पास किया और मुझे जान से मारने की साजिश के लिए झारखंड पुलिस को उकसाया. इस मामले में उचित धाराओं में झारखंड पुलिस के ऊपर भी केस दर्ज किया जाए." दिल्ली पुलिस ने शिकायत मिलने के बाद आईपीसी की धारा 124ए, 353, 448, 201, 506, 120बी और आधिकारिक गुप्त अधिनियम के तहत जीरो एफआईआर दर्ज की है. एफआईआर झारखंड पुलिस को भेजी गई है.