आधार कार्ड से निजता में एक बार फिर बड़ी सेंधमारी की खबर आई है. TechCrunch की रिपोर्ट के अनुसार इस बार झारखंड सरकार के एक लाख से ज्यादा कर्मचारियों के आधार की निजता खतरे में पड़ गई है. रिपोर्ट के अनुसार आधार डेटा में यह सेंध इम्प्लॉइज के आधार बायोमीट्रिक अटेंडेंस सिस्टम के सर्वर में पासवर्ड नहीं लगाने की वजह से हुआ है. डेटा लीक की इस रिपोर्ट के अनुसार करीब 1 लाख, 66 हजार कर्मचारियों के आधार कार्ड नंबर, उनके नाम, जॉब टाइटल्स, ईमेल आईडी, फोन नंबर और दूसरी जानकारियों का खुलासा हो सकता है.
मिली जानकारी के अनुसार सर्वर में 2014 से पासवर्ड नहीं लगाया गया था. जिस वजह से आधार डेटा में यह सेंधमारी हुई है. बता दें कि यह पहला मौका नहीं है जब आधार डेटा लीक होने की खबर आई है. इससे पहले भी आधार डेटा लीक होने की खबरे आई थी लेकिन सरकार ने इन सभी खबरों को अपवाह करार देते हुए झुठला दिया था. लेकिन इस बार झारखंड में आधार से जुड़ी जानकारियां लीक होने की संभावना से एक बार फिर सरकार और आधार रेग्युलेट करने वाली एजेंसी द यूनीक आइडेंटिफिकेशन अथॉरिटी ऑफ इंडिया (UIDAI) की डाटा सुरक्षा की नीति पर बड़ा सवाल खड़ा कर दिया है. यह भी पढ़ें- एक SMS भेजकर जल्द निपटा लें आधार-पैन का यह काम, नहीं तो पड़ेगा पछताना
गौरतलब है कि आधार की निजता पर लगातार उठ रहे सवालों के बाद आधार के डेटा को सेफ रखने की दिशा में आधार की नोडल एजेंसी uidai एक खास सुविधा देती है, जिसका नाम है मास्क्ड ई-आधार (Masked eAadhar). मास्क्ड आधार के उपयोग से आप अपना आधार नंबर कवर कर सकते हैं. कवर करने के बाद आपको अपने आधार नंबर के केवल आखिरी 4 डिजिट ही दिखेंगे. हांलांकि मास्क्ड आधार से केवल आपका आधार नंबर ही कवर होता है, तस्वीर या QR कोड नहीं.
भारत में आधार कार्ड का इस्तेमाल नागरिकों के पहचान-पत्र के तौर पर होता है. वर्तमान में देश में आज 90 फीसदी आबादी के पास आधार कार्ड मौजूद है. यह भारतीय नागरिकों का सबसे बड़ा बायोमीट्रिक डाटाबेस है. बैंक में अकाउंट खोलने से लेकर फोन के लिए सिम कार्ड खरीदने और सरकार की लाभकारी योजनाओं का लाभ उठाने के लिए आधार कार्ड का होना जरूरी है. इसके अलावा केंद्र और राज्य सरकार की नौकरियों में आधार कार्ड का इस्तेमाल कर्मचारियों के थंबप्रिंट को वेरिफाई करने के लिए किया जाता है.